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औचक निरीक्षण करने पहुंचे एसएमओ, शौचालय, लेबर रूम व वार्डो में फैली गंदगी खुद खड़े होकर साफ करवाई

जिले के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में स्थित मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं और उनके तिमारदारों की अकसर यह शिकायत रहती है कि सफाई कर्मचारी शौचालयों वार्डों व लेबर रूम में साफ सफाई नहीं करते और स्टाफ का व्यवहार भी ठीक नहीं होता।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 06:22 AM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 06:22 AM (IST)
औचक निरीक्षण करने पहुंचे एसएमओ, शौचालय, लेबर रूम व वार्डो में फैली गंदगी खुद खड़े होकर साफ करवाई

आशा मेहता, लुधियाना : जिले के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में स्थित मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं और उनके तिमारदारों की अकसर यह शिकायत रहती है कि सफाई कर्मचारी शौचालयों, वार्डों व लेबर रूम में साफ सफाई नहीं करते और स्टाफ का व्यवहार भी ठीक नहीं होता। ऐसी ही कुछ शिकायतों को लेकर एसएमओ डा. रणधीर सिंह चाहल छुट्टी वाले दिन शनिवार को अचानक औचक निरीक्षण करने अस्पताल पहुंच गए। सुबह नौ बजे के करीब अस्पताल में पहुंचे डा.चाहल ने जब शौचालयों में झांककर देखा, तो गंदगी से भरे पड़े थे। नलों से बेवजह पानी बह रहा था। लेबर रूम से लेकर पीआइसीयू, वार्डों व आपरेशन थिएटर में सफाई का अत्यंत बुरा हाल था। जिन वार्डों में प्रसूताएं अपने नवजातों के साथ भर्ती थीं, वहां बेड के नीचे कचरा व गंदगी भरी पड़ी थी। यह देखकर एसएमओ सफाई कर्मियों और स्टाफ पर भड़क गए। उन्होंने तुरंत अस्पताल की मैट्रर्न सहित सभी सफाई कर्मियों बुलाया और तीन घंटे तक मौके पर खड़े होकर सफाई करवाई और चेतावनी दे डाली कि अब अगर साफ सफाई को लेकर कोताही देखने को मिली, तो जवाबतलबी नहीं, सीधा एक्शन होगा। वहीं स्टाफ को यह चेतावनी भी दी कि मरीजों और उनके तिमारदारों के साथ अच्छे से और प्यार से पेश आएं, अन्यथा कार्रवाई होगी। एसएमओ यहीं नहीं रूके, उन्होंने अपने राउंड के दौरान पाई गई त्रुटियों की पूरी रिपोर्ट बनाकर सिविल सर्जन को भी भेजी। सिविल सर्जन को भेजी गई रिपोर्ट में मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में ये अव्यवस्थाएं दिखी

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- पीआइसीयू व उसके साथ लगते कमरों में कई कबूतर बैठे थे, जो कि एक टूटे हुए शीशे से आ जाते हैं। आसपास के फर्श व सामान के उपर कबूतरों के मल की गंदगी पड़ी हुई थी।

- पोस्ट नेटल वन से लेबर रूम की सुबह दस बजे तक सफाई शुरू नहीं हुई थी।

-वार्डों में सफाई का अत्यंत बुरा हाल था। दीवारों पर जाले लगे हुए थे। आइवी सैट व साइड टेबल पर मिट्टी जमी हुई थी।

- पोस्ट नेटल वन से जाती सीढि़यों की सफाई नहीं हुई थी। सीढि़यों के नीचे एक लावारिस टाइप आक्सीजन का सिलेंडर पड़ा हुआ था।

- आपरेशन थिएटर के बाहर बाथरूम काफी गंदा था और बाथरूम में लगे नलों से पानी बह रहा था।

- आपरेशन थिएटर के सामने मेडिकल वेस्ट के लिए रखी गई अलग अलग बाल्टियों में कोई पालीथिन नहीं था।

- लेबर रूम के बाहर बना बाथरूम बेहद खस्ताहाल स्थिति में था। नलों से लगातार पानी बह रहा था। पानी धंसे हुए फर्श में जा रहा था।

- मरीजों के बैड के नीचे इतनी गंदगी थी, जैसे महीनों से सफाई न हुई हो।

- प्री डिलीवरी रूम में बाथरूम की टायलेट सीट गंदगी से भरी पड़ी थी। चारों तरफ गंदगी थी। जहां खड़े होना भी मुश्किल था। एसएमओ बोले : अब आए दिन करेंगे औचक निरीक्षण

डा. चाहल ने कहा कि सफाई और स्टाफ के व्यवहार को लेकर मरीजों की काफी शिकायतें मिल रही थीं। इसी वजह से औचक निरीक्षण किया। काफी खामियां मिलीं, जिन्हें मौके पर ही दूर करवाया गया। बाथरूम टूटे हुए हैं, फर्श धंसा हुआ और नल खराब हैं, तो उसे ठीक करने के लिए एसडीएम को कहा गया है। इस तरह के औचक निरीक्षण अब वह आए दिन करेंगे। कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी पूरी इमानदारी से करनी होगी। लेबर रूम में मौजूद नर्सिंग स्टाफ व दूसरे स्टाफ को मरीजों के साथ नरम और सम्मानपूर्वक व्यवहार करने के लिए कहा गया है।


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