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लुधियाना लायर्स चैंबर कांप्लेक्स में डेढ़ घंटे तक लिफ्ट में फंसे रहे 6 वकील, मशक्कत के बाद बाहर निकाला

पंजाब के लुधियाना में बड़ी घटना सामने आई है। यहां जिला न्यायालय परिसर स्थित लायर्स चैंबर कांप्लेक्स में शुक्रवार दोपहर एक लिफ्ट बंद हो जाने से 6 वकील और एक सिविल व्यक्ति उसमें लगभग डेढ़ घंटा फंसे रहे।

By Edited By: Published: Fri, 27 May 2022 09:05 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 09:14 PM (IST)
लुधियाना लायर्स चैंबर कांप्लेक्स में डेढ़ घंटे तक लिफ्ट में फंसे रहे 6 वकील, मशक्कत के बाद बाहर निकाला
लायर्स चैंबर काम्प्लेक्स में शुक्रवार दोपहर एक लिफ्ट बंद हाे गई। (जागरण)

संस, लुधियाना।  जिला न्यायालय परिसर स्थित लायर्स चैंबर कांप्लेक्स में शुक्रवार दोपहर एक लिफ्ट बंद हो जाने से छह वकील और एक सिविल व्यक्ति उसमें लगभग डेढ़ घंटा फंसे रहे। बताया जाता है कि कुछ तकनीकी खराबी के कारण लिफ्ट ने काम करना बंद कर दिया। समय बीतता रहा और लिफ्ट में फंसे वकीलों को बचाने के लिए कोई उपाय नहीं निकल रहा था। करीब एक घंटे चालीस मिनट तक इसे नहीं खोला जा सका। जब यह खबर फैली तो वकील लिफ्ट के बाहर जमा होने लगे।

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जिला बार संघ अध्यक्ष गुरकीरतपाल सिंह और अन्य पदाधिकारी मौके पर पहुंचे। मामला सत्र न्यायाधीश मुनीश सिंघल के संज्ञान में लाया गया, जिन्होंने सीजेएम सुमित मक्कड़ और अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरसिमरनजीत सिंह के साथ मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने इसकी सूचना जिला प्रशासन, स्थानीय पुलिस को दी।

लिफ्ट से बाहर आने के बाद किसी की हालत बिगड़ने पर वकीलों की मदद के लिए मौके पर एंबुलेंस बुलाई गई। संबंधित लिफ्ट कंपनी के तकनीकी कर्मचारियों को भी मौके पर बुलाया गया। जिला बार संघ स्टाफ ने कड़ी मशक्कत से तीसरी मंजिल पर लिफ्ट का दरवाजा खोला और लिफ्ट को नीचे की ओर धकेल दिया। जबकि अन्य स्टाफ सदस्य लायर्स चैंबर्स कांप्लेक्स की पहली मंजिल पर लिफ्ट के पास की दीवार को काटने व तोड़ने में सफल रहे।

कई वकीलों को पहली मंजिल पर बचाया गया और कई को ग्राउंड फ्लोर पर बाहर निकाला गया था। सभी सुरक्षित रहे। लिफ्ट में फंसने वालों में वरिष्ठ वकील शाम लाल घई, वकील सूरज भान द्विवेदी, बी बी गंभीर, हतिंदर गिल, एक वकील का एक क्लर्क और कुछ अन्य व्यक्ति शामिल थे।

लिफ्ट में फंसे वकील सूरज भान द्विवेदी ने कहा, मैं छह अन्य व्यक्तियों के साथ दोपहर करीब 3.10 बजे लिफ्ट में चढ़ा और लिफ्ट दूसरी और तीसरी मंजिल के बीच फंस गई। शुरुआत में सभी असहज महसूस कर रहे थे। लेकिन पंखा और लाइट काम कर रहे थे, जिसने स्थिति बिगड़ने नहीं दी।

आधे घंटे बाद पंखे ने काम करना बंद कर दिया और लाइट भी चली गई। कुछ समय बाद पंखा फिर से काम करने लगा लेकिन थोड़े समय के लिए। इसी बीच लिफ्ट के बाहर वकीलों की आवाजें आने लगीं तो पता चला कि लिफ्ट से हमें निकालने की कोशिश की जा रही है।


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