Raksha Bandhan 2020 : इस बार सलाखों के पीछे से भी न हुआ भैया का दीदार, सेंट्रल जेल से मायूस होकर लौटीं बहनें
सेंट्रेल जेल में राखी को सैनिटाइज करने के बाद पाउच में डाल उसे देने वाली बहन और जेल में बंद उसके भाई के नाम की चिट लगा कर उसे गंतव्य तक पहुंचाया गया।
लुधियाना, [राजन कैंथ]। भाई-बहन के अटूट प्रेम के प्रतीक राखी के त्यौहार पर ताजपुर रोड स्थित सेंट्रल जेल में अलग-अलग मामलों में सजा भुगत रहे कैदियों की बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए पहुंची मगर उनका सपना कोविड महामारी व जेल प्रबंधन के आगे चकनाचूर हो गया। कोरोना महामारी के चलते जेल प्रबधंन ने जेल में बाहरी लोगों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया है और जेल में कैद भाइयों की कलाई पर राखी बांधने की हसरत लेकर आने वाली बहनों को मायूस होकर लौटना पडा। जेल प्रबंधन ने गेट पर राखी लेना मुनासिब समझा। हर साल जेल में बंद कैदियों व हवालातियों के परिजन आज के दिन भले ही सलाखों के पीछे से ही सही, मगर एक दूजे का दीदार करके राखी बांधने का त्योहार मनाते रहे हैं। मगर इस साल महामारी के चलते उनके दीदार भी संभव न हो सके।
सोमवार सुबह से ही वहां पहुंचने वाली बहनों की राखी लेने के बाहर काउंटर लगाया गया। फिजीकल डिस्टेंस के तहत लाइन लगा कर खड़ी बहनों से बाहर ही राखी ले ली गई। उसे सैनिटाइज करने के बाद पाउच में डाल उसे देने वाली बहन और जेल में बंद उसके भाई के नाम की चिट लगा कर उसे गंतव्य तक पहुंचाया गया।
कैदियों के लिए भेजी गई राखियों को सैनिटाइज करता पुलिस मुलाजिम।
जेल प्रशासन ने कराया कैदियों का मुंह मीठा
गेट पर तैनात पुलिस कर्मचारी रघुवीर सिंह ने बताया कि राखी के इस शुभ अवसर पर सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा गया था। राखी के इअलावा किसी भी प्रकार की वस्तू जैसे मिठाई, चॉकलेट, गिफ्ट आदि को अंदर ले जाने की पूर्ण रूप से मनाही थी। राखियों को पूरी तरह से सुरक्षित करने के लिए उन्हे सबसे पहले सैनिटाइज किया गया। इसके साथ जेल की तरफ से मीठा खिला कर कैदियों तक पहुंचाया गया। दोपहर 12 बजे तक करीब 110 बहनों द्वारा राखी कैदियों के लिए पहुंच चुकी थी।
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