सिद्धू मूसेवाला के SYL गाने के बाद चर्चा में बलविंदर जटाणा, सतलुज-यमुना लिंक नहर रोकने के लिए चीफ इंजीनियर व एसई का किया था कत्ल
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद रिलीज उनके गीत एसवाईएल बलविंदर सिंह जटाणा का जिक्र किया है। जटाणा बब्बर खालसा से जुड़ा खालिस्तानी आतंकवादी था। उसने 23 जुलाई 1990 को चंडीगढ़ में एसवाआईएल से जुड़े दो अधिकारियों की हत्या कर दी थी। तभी से नहर का काम बंद है।
जागरण संवाददाता, बठिंडा। गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद जारी हुए उनके गाने 'एसवाईएल' ने नई चर्चा को जन्म दे दिया है। मूसेवाला के इस गाने में बलविंदर सिंह जटाणा का जिक्र किया है। जटाणा वह व्यक्ति है जिसने साथियों के साथ 23 जुलाई, 1990 में सतलुज-यमुना लिंक नहर से जुड़े दो अधिकारियों को गोली मारकर हत्या कर दी थी। बाद में वह भी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। इस हमले का असर यह हुआ कि सभी अधिकारियों में दहशत फैल गई और उन्होंने नहर का काम बीच में ही छोड़ दिया। नहर का काम जहां का तहां बंद हो गया था। उसके बाद आज तक यह काम शुरु नहीं हो पाया, हालांकि इसको लेकर राजनीतिक पार्टियां रोटियां सेकती रही हैं।
बलविंदर सिंह जटाणा आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा के साथ जुड़ा था। बब्बर खालसा के प्रमुख सुखदेव सिंह बब्बर जटाणा को अपने करीबियों में मानते थे। यह ही कारण था कि उसे पंजाब के मालवा इलाके का लेफ्टिनेंट जनरल बनाया हुआ था।
23 जुलाई, 1990 को चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित दफ्तर में सतलुज-यमुना लिंक नहर बनाने को लेकर मीटिंग चल रही थी। इसके जरिए पंजाब का पानी हरियाणा और दिल्ली तक जाना था। जिस वक्त मीटिंग हो रही थी, उसी समय रोपड़ के रहने वाला बलविंदर सिंह जटाणा अपने साथी बलबीर सिंह फौजी, जगतार सिंह पिंजोला और हरमीत सिंह भाओवाल के साथ वहां जा धमका। उसने और उसके साथियों ने चीफ इंजीनियर और सुपरिटेंडिंग इंजीनियर की हत्या कर दी और मौके से फरार हो गए। इस घटना के बाद नहर के काम से जुड़े अधिकारियों में दहशत फैल गई थी।
जटाणा के परिवार के चार सदस्यों को जिंदा जलाने के आरोप
अधिकारियों की हत्या के बाद हरकत में आई पुलिस 30 नवंबर, 1991 को जटाणा के घर पहुंची लेकिन वह वहां मौजूद नहीं था। पुलिस पर आरोप लगे थे कि उस वक्त पुलिस ने एक निहंग सिंह पूहला निहंग की मदद से जटाणा की दादी द्वारकी कौर, चाची जमशेर कौर, बहन मनप्रीत कौर और भांजे सिमरनजीत सिंह को जिंदा जला डाला था।
जटाणा के सिर पर था 16 लाख का इनाम
पुलिस ने बलविंदर सिंह जटाणा को भगोड़ा करार देते हुए उसके सिर पर 16 लाख रुपये का इनाम रखा। पुलिस को मुखबरी हुई कि जटाणा व उनका साथी चरनजीत सिंह चन्ना गांव साधूगढ़ की ओर जा रहे हैं। पुलिस ने आगे नाकाबंदी कर दी। वहां हुई मुठभेड़ में बलदेव सिंह जटाना मारा गया।