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सोशल साइट्स पर ग्रुप बना बेची जा रही चाइनीज डोर, जान जानें पर भी नहीं लिया सबक

पुलिस से बचने के लिए डोर बेचने वालों ने चोर दरवाजे बना लिए हैं। अब सोशल मीडिया के फेसबुक वाट्सएप और इंस्टाग्राम पर ग्रुप बना कर अपने ग्राहकों को डोर सप्लाई की जा रही है।

By Edited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 06:30 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 12:59 PM (IST)
सोशल साइट्स पर ग्रुप बना बेची जा रही चाइनीज डोर, जान जानें पर भी नहीं लिया सबक
सोशल साइट्स पर ग्रुप बना बेची जा रही चाइनीज डोर, जान जानें पर भी नहीं लिया सबक

लुधियाना, जेएनएन। सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने के बावजूद नशे की तरह चोरी छिपे चाइनीज डोर बेचने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। मानवीय जीवन के साथ पशु-पक्षियों के लिए भी खतरा बनी डोर की चपेट में आकर हर साल सैकड़ों लोग जख्मी हो रहे हैं। कई तो अपनी जान भी गंवा चुके हैं। दिखावे के लिए पुलिस कभी-कभार एकाध व्यक्ति को पकड़ कर डोर बरामद कर लेती है। मगर सच्चाई उससे कोसों दूर है।

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पुलिस से बचने के लिए डोर बेचने वालों ने चोर दरवाजे बना लिए हैं। अब सोशल मीडिया के फेसबुक, वाट्सएप और इंस्टाग्राम पर ग्रुप बना कर अपने ग्राहकों को डोर सप्लाई की जा रही है, जिसे पकड़ने में पुलिस नाकाम साबित हुई है।

..तब एनजीटी ने भारत में लगाया था बैन

केंद्र व राज्य सरकार ने 2012 में चाइनीज डोर पर पाबंदी लगाई थी, जिसके चलते नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पूरे भारत में उस पर बैन लगा दिया था। दिल्ली का कानून दिल्ली सरकार ने कड़ा संज्ञान लेते हुए डोर बेचते पकड़े जाने वालों को दो साल की सजा और पांच लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान रखा था। पंजाब का कानून केवल धारा 188 के तहत केस दर्ज करने का प्रावधान है, जिसकी थाने में ही जमानत हो जाती है। 1 से 5 हजार रुपये तक जुर्माना है।

पहले : पहले चाइना से आयात की जाती थी डोर

चाइनीज डोर चाइना से ही आयात की जाती थी, मगर पाबंदी लगने के बाद देश में कई फैक्ट्रियों में फैक्ट्री यूज्ड थ्रेड के नाम से उनका उत्पादन शुरू कर दिया गया, जिनमें से उत्तर प्रदेश के नोयडा में सबसे ज्यादा इसका उत्पाद किया जा रहा है।

अब : प्लास्टिक थ्रेड का प्रयोग डोर बनाने में कर रहे

होजरी का गढ़ होने के कारण लुधियाना में प्लास्टिक थ्रेड मंगाया जाता है, जिसे बाद में पतंग कारोबारी डोर के तौर पर बेचने का काम कर रहे हैं।

दाम में जमीन-आसमान का अंतर

  • 800 से एक हजार रुपये में बिकती है धागे की डोर की एक चरखड़ी
  • 250 में होल सेल पर व 500 रुपये में रिटेल में प्लास्टिक डोर की मिलती है चरखड़ी

शहर के इन बाजारों में बिकती है चाइना डोर

फील्ड गंज, दरेसी, गोकुल रोड, रूपा मिस्त्री गली, हैबोवाल, खुड्ड मोहल्ला, शिवा जी नगर, जमालपुर, दुगरी, शिमला पुरी, मॉडल टाउन, नूरवाला रोड, काकोवाल रोड, शिवपुरी, बस्ती जोधेवाल।

इनकी तो जिंदगी की डोर काट दी

तीन साल पहले बस्ती जोधेवाल निवासी गीता चाइनीज डोर के हाईटेंशन तारों की चपेट में आने से 100 प्रतिशत झुलस गई थी, जिसने पीजीआइ चंडीगढ़ में दम तोड़ दिया था। दो साल पहले ललहेड़ी रोड पर खन्ना निवासी रजनीश शर्मा की गर्दन इस डोर की चपेट में आने से कट गई, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

कई बार सीपी को शिकायत भेजी पर नहीं हुई कार्रवाई

एक्शन अगेंस्ट करप्शन के चंद्रकांत चड्ढा ने कहा कि उनकी संस्था अब तक सैकड़ों दुकानदारों के खिलाफ पुलिस को शिकायत दे चुकी है, जिसमें कई पर कार्रवाई भी हुई। रविवार को भी सरहिंद के दुकानदार दरेसी इलाके से 11 पेटी डोर लेकर गए। उसके लिए पुलिस को सूचना दी गई, मगर पुलिस के पहुंचने से पहले ही वो लोग निकल गए। फेसबुक, वाट्सएप और इंस्टाग्राम पर बने ग्रुप की फोटो कई बार पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल को भेजी गई है, लेकिन उन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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