बिना सेफ्टी किट मैनहोल में उतरा सीवरमैन हुआ बेहोश, घरवालों ने पार्षद पर लगाए संगीन आरोप
संदीप के भाई राजपाल ने कहा कि संदीप ने बिना किट मैनहाेल उतरने से मना कर दिया था लेकिन पार्षद व उनके सहयोगियों ने उसे मैनहोल में उतरने को मजबूर कर दिया।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। शहर में सीवरेज की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है और निगम के सीवरमैनों के पास मैनहोल की सफाई के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। जाम सीवरेज को खोलने के लिए सीवरमैन कई बार बिना किट के ही मैनहोल में उतर जाते हैं, जिससे उनकी जान काे खतरा रहता है। ऐसा ही एक मामला वीरवार को वार्ड नंबर 36 में सामने आया। यहां सीवरमैन संदीप बिना किट के मैनहोल में घुस गया पर गैस चढ़ने से बेहोश हो गया। आननफानन में उसके साथी उसे पास के एक निजी अस्पताल में ले गए। दोपहर बाद तक वह बेहोश ही था।
लुधियाना में निजी अस्पताल में खड़े सीवरमैन संदीप के परिजन।
दरअसल, वार्ड नंबर 36 की मेन रोेड का सीवरेज कई दिनों से बंद चल रहा था। इसकी शिकायत पार्षद ने नगर निगम अफसरों को दी। जिस पर वीरवार दोपहर को सीवरमैन सफाई करने पहुंचे थे। सीवरमैन के परिजनों का आरोप है कि पार्षद ने उसे मेनहोल में उतरने का दबाव डाला था। वहीं पार्षद का कहना है कि उन्होंने तो अफसरों को सीवरेज जाम की शिकायत दी थी और अफसर ही सफाई करवा रहे थे।
संदीप के भाई राजपाल ने बताया कि उनका भाई अपने साथियों के साथ सीवर की सफाई के लिए क्वालिटी चौक के पास गया। जहां पार्षद व उनके सहयोगियों ने उसे सीवरेज मैनहाेल में उतरने को कहा। उन्होंने बताया कि संदीप ने उतरने से मना किया तो उन्होंने उस पर दबाव बनाया और जबरदस्ती सीवर में उतार दिया। राजपाल ने बताया कि जब वह बेहोश हुआ तो मौके से पार्षद व उसके सहयोगी चले गए और उसके भाई के साथ गए अन्य कर्मचारी उसे ग्रेवाल अस्पताल में लेकर पहुंचे, जहां उसके हालत गंभीर है।
पार्षद बोला-आरोप निराधार
पार्षद हरविंदर कलेर ने कहा कि उन्होंने अफसरों को सीवरेज जाम की शिकायत की थी। उसके बाद सीवर की सफाई करवाने की जिम्मेदारी उनकी है। उन्होंने कहा कि घटना के वक्त वह शहर में नहीं थे। कलेर ने बताया कि परिजनों के आरोप निराधार हैं क्योंकि वह खुद ही सीवरमैन को बिना किट के सीवर में उतरने से रोकते हैं।