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Famous Religious places: लुधियाना आ रहे ताे इन धार्मिक स्थलों की जरूर करें सैर, मन काे मिलेगा सूकून

Famous Religious places सतलुज नदी के किनारे स्थित यह शहर अपने मनोरम दृश्य से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां पर आप कई धार्मिक स्थलाें के दर्शन कर सकते हैं। लुधियाना व्यापार और पर्यटन की दृष्टि से अग्रणी है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sat, 27 Aug 2022 01:07 PM (IST)Updated: Sat, 27 Aug 2022 01:07 PM (IST)
Famous Religious places: लुधियाना के धार्मिक स्थलाें की जरूर करें सैर।

आनलाइन डेस्क, लुधियाना। Famous Religious places: यदि आप पंजाब में घूमने की योजना बना रहे हैं तो लुधियाना जरूर आएं। यह पंजाब के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। सतलुज नदी के किनारे स्थित यह शहर अपने मनोरम दृश्य से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां पर आप कई धार्मिक स्थलाें के दर्शन कर सकते हैं। लुधियाना व्यापार और पर्यटन की दृष्टि से अग्रणी है। यहां के स्थानीय लोगों को लुधियानवी कहा जाता है जो अपनी मेहमाननवाजी के लिए प्रसिद्ध है।

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गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब आलमगीर

लुधियाना से 10 किमी. दूर स्थित इस स्थान पर मुस्लिम श्रद्धालु नबी खान और गनी खान गुरु गोविंद सिंह को लाए थे, ताकि युद्ध से उनकी रक्षा की जा सके। गुरुद्वारे में एक कुंड है जिसके बारे में कहा जाता है कि गुरु गोविंद सिंह ने धरती पर तीर मारकर यहां से पानी की धार निकाली थी। प्रतिवर्ष दिसंबर माह में यहां मेले का आयोजन किया जाता है।

गुरुद्वारा चरण कमल

गुरुद्वारा चरण कमल लुधियाना के सबसे पुराने और खूबसूरत गुरुद्वारा में से एक है गुरुद्वारा चरण कमल। कहते हैं कि यहां मौजूद तालाब के दिव्य जल को गुरू गोबिंद सिंह जी ने स्पर्श किया था और फिर वहीं सो गए। ये गुरुद्वारा सिख वास्तुकला का बेजोड़ उदाहरण है।

संगला शिवाला मंदिर

घनी आबादी में बसा है महानगर का प्राचीनतम संगला वाला शिवाला मंदिर 500 वर्ष पुराना है। खासकर सावन महीने में यहां हुजूम उमड़ता है। जानकार बताते हैं कि मंदिर का स्थान पहले वीरान होता था, लेकिन 500 वर्ष पहले एक बार भगवान शिव शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए। उसके बाद इस स्थान को मंदिर का रुप दिया गया। खाली व वीरान जगह होने के कारण तत्कालीन महंत ने चारों और संगल से परिसर की घेराबंदी कर दी। इस कारण मंदिर का नाम संगला वाला शिवाला पड़ गया। मंदिर की मान्यता है कि शिव भक्त श्रावण माह में गंगा से कांवड़ लेकर यहां पहुंचते हैं और शिवलिंग पर अर्पित करते हैं।

श्री दुर्गा माता मंदिर

जगराओं पुल स्थित, श्री दुर्गा माता मंदिर की स्थापना 26 अप्रैल 1950 को हुई । इस दौरान मां दुर्गा जी की दिव्य मूर्ति की स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा पंडित जगन्नाथ व अन्य विद्वान ब्राह्मणों द्वारा मंत्रो उच्चारण से की गई थी। माता ज्वाला से अखंड ज्योति का यहां वर्ष 1972 में मंदिर प्रकाश हुआ, जो आज तक विराजमान है। मानवता की सेवा को लेकर मंदिर प्रांगण में श्री दुर्गा माता मंदिर अस्पताल के अलावा जरूरतमंद महिलाओं को राशन वितरण, जरूरतमंद लड़कियों के लिए निशुल्क सिलाई स्कूल, निशुल्क कम्पयूटर सेंटर, ब्यूटीशिन अकादमी आदि सेवा कार्य किए जा रहे हैं।

गुरुद्वारा भैणी साहिब

लुधियाना से करीब 25 किलोमीटर दूर गुरुद्वारा भैणी साहिब नामधारी समाज का केंद्र है। अप्रैल 1857 में सतगुरु राम सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ नामधारी मूवमेंट शुरू किया था। भारतीय स्वतंत्रता में अहम भूमिका निभाने वाले नामधारी समाज को कूका भी कहा जाता है। समय-समय पर नामधारी समाज के होने वाले गुरु इसी स्थान पर वास करते हैं। दुर्लभ वाद्य यंत्रों का संग्रहालय तथा स्वतंत्रता इतिहास से जुड़ी किताबों की यहां लाइब्रेरी भी है।

माता वैष्णो देवी स्वर्ण मंदिर

तीन नंबर डिवीजन के बीच पड़ते इस मंदिर की स्थापना 14 मार्च, 1967 में महंत सेवक अमरनाथ द्वारा की गई। कुछ वर्षों के बीच तीन नंबर डिवीजन चौक कहे जाने वाले इस चौक का नाम 25 सिंतबर, 1972 में माता वैष्णो देवी चौक रखा गया। मंदिर में अष्ट-भुजाओं वाली माता वैष्णो देवी की प्रतिमा तथा माता वैष्णो देवी पिंडी के तीन स्वरुप विराजित हैं, जिनमें प्रथम माता महाकाली, द्वितीय माता लक्ष्मी व तृतीय माता सरस्वती जी की पिंडियां हैं।

गुरुद्वारा नानकसर

जगराओं स्थित गुरुद्वारा नानकसर भव्यता और वास्तुकला का बेहतरीन माडल है। गुरुद्वारा साहिब के साथ सरोवर लोगों को एक अलग सुकून देता है। संत नंद सिंह और संत ईश्वर सिंह की याद में स्थापित इस गुरुद्वारा साहिब में हर साल 13 से 17 जनवरी तक जोड़ मेला लगता है, जिसमें देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं।

कैसे जाएं

वायु मार्ग- लुधियाना के सबसे करीबी हवाई अड्डा चंडीगढ़, अमृतसर और साहनेवाल है।

रेल मार्ग- लुधियाना के लिए दिल्ली, कोलकता, मुंबई और भारत के कई अन्य शहरों से रेल सेवा मौजूद है।

सड़क मार्ग- लगभग सभी बड़े शहरों से बस सेवा उपलब्ध है।


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