सतलुज दरिया में बहे युवकों के परिजनों ने किया प्रदर्शन, ट्रेनें रोकी
लुधियाना में सतलुज दरिया में गणपति विसर्जन के लिए गए सात युवक डूब गए। चार के शव बरामद हो गए हैं, जबकि तीन लापता हैं। मृतकों के परिजनों ने प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ प्रदर्शन किया।
लुधियाना [वेब डेस्क]। सतलुज दरिया में गणपति विसर्जन के दौरान मूर्ति पलटने से सात लोग पानी में बह गए। गोताखोरों की मदद से चार को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। तीन का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। हादसे से गुस्साए मृतकों के परिजनों ने सोमवार सुबह जगराओं पुल जाम कर दिया।
गुस्साए लोग रेलवे ट्रैक पर गए और ट्रेन रोक दी। इस दौरान दिल्ली से अमृतसर जाने वाली शताब्दी, सुपर ट्रेन रोक दी गई। लोगो की मांग है कि कोताही बरतने वाले पुलिस मुलाजिमो को ससपेंड किया जाए। उन गोताखोरों पर कार्रवाई की जाए जिन्होंने समय रहते डूबते हुए युवकों को बचाने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और मुआवजा देने की भी मांग की।
बता दें, दौलत राम ने बताया कि इस्लामगंज के गोपाल मंदिर में पिछले पांच दिन से श्री गणपति जी विराजमान थे। पूजन के बाद रविवार सुबह 11 बजे लोग विसर्जन के लिए सतलुज दरिया की तरफ रवाना हुए। पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं का जत्था करीब तीन बजे सतलुज दरिया में विसर्जन के लिए उतरा। अचानक पानी का स्तर बढ़ गया और श्रद्धालु बाहर की तरफ भागने लगे। इस भगदड़ में मूर्ति पलट गई और भाई राज कुमार सहित सात लोग उसके नीचे आ गए। यह सभी पानी के तेज बहाव में बह गए।
गोताखोरों ने दो घंटे की मशक्कत के बाद घटना से एक किलोमीटर दूर चार को पानी से बाहर निकाला। तीन को सीएमसी और योगराज को डीएमसी अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया। तीन लोगों का देर शाम तक कोई सुराग नहीं मिल पाया। मरने वालों की पहचान अमरपुरा निवासी सुनील कुमार चायल (20), इस्लामगंज निवासी राज कुमार चितारा (45), प्रेम नगर कूचा नंबर 9 निवासी विजय कुमार खत्री (23) तथा हबीबगंज निवासी योगराज चितारा (17) के रूप में हुई है।