Seed Scam में पांच क्विंटल बीज ने उलझाई पुलिस की जांच, शक के घेरे में PAU के अधिकारी
बीज घोटाले की जांच PAU द्वारा बेचे गए पांच क्विंटल बीज के इर्द-गिर्द घूमने लगी है। पुलिस जांच में पीएयू अफसर भी जांच के घेरे में हैं।
जेएनएन, लुधियाना। बहुचर्चित बीज घोटाले (Seed scam) की जांच अब पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) द्वारा बेचे गए पांच क्विंटल बीज के इर्द-गिर्द घूमने लगी है। यह बीज कैसे ट्रेडर को बेच दिया गया और इतनी ज्यादा मात्रा के बिल कैसे कटे, इसकी जांच पुलिस ने शुरू कर दी है। स्टेट इन्वेस्टिगेशन टीम ने पीएयू प्रबंधन से इस संबंधी लिखित जवाब मांगा है। पुलिस जांच में अब पीएयू के अधिकारी भी शक के घेरे में हैं।
जांच में सामने आया कि बराड़ सीड्स ने पीएयू से 70 रुपये किलो के हिसाब से पांच क्विंटल बीज खरीदा था। पुलिस के हाथ 96-96 किलो के चार बिल लगे हैं, जिसकी जांच की जा रही है। यह बीज लाडोवाल सीड फार्म से खरीदे गए हैं और यह बिल काटकर ही पीएयू में बड़ी गलती की है। चीफ एग्रीकल्चर अफसर नरिंदरपाल सिंह बैनीपाल का कहना है कि यूनिवर्सिटी की ओर से बीज की यह किस्म विकसित करने के लिए किसानों को ही दिया जाना था, वह भी प्रति किसान आठ किलो।
यूनिवर्सिटी के पास कोई अधिकार नहीं है कि वह किसी ट्रेडर को यह बीज बेचे, मगर कैसे बराड़ सीड फार्म (Brar Seed Farm) को बीज बेच दिया गया, यह जांच का विषय है। इसके अलावा यह भी सामने आया है कि जो बीज किसानों को बेचा गया है, उसका रिकॉर्ड भी यूनिवर्सिटी के पास नहीं है। प्रबंधन का कहना है कि बीज देते समय हम किसी का कोई रिकॉर्ड नहीं रखते हैं।
बता दें, बहुचर्चित बीज घोटाला मई में सामने आया था। पुलिस की ओर से 11 मई को मोगा के एक किसान की शिकायत पर थाना डिवीजन नंबर पांच में आपराधिक मामला दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस ने बराड़ सीड फार्म के हरविंदर सिंह काका बराड़, पीएयू किसान सेल सदस्य हरविंदर सिंह भूंदडी और करनाल सीड फार्म के लखविंदर सिंह लक्की ढिल्लों को गिरफ्तार किया हुआ है। तीनों आरोपित पुलिस रिमांड पर हैं और जांच में पाई गई कमियों संबंधी पुलिस टीम ने पीएयू से लिखित में जवाब मांगे हुए हैं मगर इसका जवाब नहीं दिया जा रहा है। एसआइटी के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया है कि अब जांच पूरी तरह से पीएयू के जवाब पर टिकी है।
हमने किसी ट्रेडर को बीज नहीं बेचा
पीएयू के डायरेक्टर रिसर्च नवतेज सिंह बैंस का कहना है कि हमने किसी ट्रेडर को बीज नहीं बेचा है। हमने किसानों को ही बीज दिए हैं, हो सकता है कि किसी किसान ने बीज खरीदा हो और ट्रेडर को दे दिया हो। हम अपने स्तर पर भी इसकी जांच कर रहे हैं। हम पुलिस का पूरा सहयोग कर रहे हैं। अगर कोई भी कर्मचारी या अधिकारी आरोपित पाया गया तो उस पर जांच होगी।
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