संत मुनि का कोई घर नहीं होता
एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में संघशास्ता श्री सुदर्शन लाल म. के सुशिष्य आगमज्ञाता गुरुदेव अरुण मुनि ठाणा-6 सुखसाता विराजमान हैं।
संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में संघशास्ता श्री सुदर्शन लाल म. के सुशिष्य आगमज्ञाता गुरुदेव अरुण मुनि ठाणा-6 सुखसाता विराजमान हैं। बुधवार के संदेश में गुरुदेव अरुण मुनि ने नशे पर प्रहार करते हुए कहा कि आज दूध पीने वालों की संख्या कम हो रही है और मदिरा पान करने वाले दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। समाज की सबसे बड़ी बुराई दुर्व्यसन है। लोग नशे के कारण गलत काम कर रहे हैं। उन्हें इस बात की चिता नहीं है कि घर में कोई इंतजार कर रहा है। नशे के कारण रोजाना कई सड़क हादसे भी हो रहे हैं व परिवार भी बिखर रहा है। इस बुराई को हर व्यक्ति के जीवन और समाज से निकालना जरूरी है, तभी हम अपना और परिवार का भला कर सकते हैं। इसलिए नशे को त्यागना जरूरी है। उन्होंने कहा कि संत मुनि का अपना कोई घर नहीं होता। कितना बड़ा आश्चर्य है कि जिसका कोई पता नहीं, वही लोगों को असली मंजिल तक पहुंचाते हैं। असली पते पर पहुंचने के लिए जीवन को व्यवस्थित बनाना बहुत जरूरी है। इसके लिए कुछ बातें हैं। जब आप 10 वर्ष के हो जाओ तो मां की अंगुली पकड़कर चलना छोड़ दो। क्योंकि काफी वर्ष हो गए एक सहारे से चलते हुए पर अब तो स्वाबलंबी बनो। 20 वर्ष के हो जाओ तो खिलौने, मोबाइल से खेलना छोड़ दो। क्योंकि खिलौनों से खेलना बचपन की निशानी है। आज तो क्या बच्चे, जवान व क्या बुढ़ापे हर कोई मोबाइल पर गेम्स खेलते दिखाई देते है। यह आलस्य की निशानी व समय की बर्बादी है।