Move to Jagran APP

लोकसभा चुनाव में खामोश क्यों हैं शिअद टकसाली और आपणा पंजाब पार्टी के नेता? जानिए वजह

लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों ने अपने नामांकन फार्म भर लिए। सभी पार्टियों ने अपने कार्यकर्ताओं को ड्यूटियां सौंपकर चुनाव मैदान में उतार दिया।

By Sat PaulEdited By: Published: Wed, 01 May 2019 03:02 PM (IST)Updated: Thu, 02 May 2019 08:07 AM (IST)
लोकसभा चुनाव में खामोश क्यों हैं शिअद टकसाली और आपणा पंजाब पार्टी के नेता? जानिए वजह

राजेश भट्ट, लुधियाना। लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों ने अपने नामांकन फार्म भर लिए। सभी पार्टियों ने अपने कार्यकर्ताओं को ड्यूटियां सौंपकर चुनाव मैदान में उतार दिया। पार्टियों के छोटे-बड़े नेता और कार्यकर्ता अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। वहीं प्रदेश की दो नई पार्टियों शिरोमणि अकाली दल टकसाली और आपणा पंजाब पार्टी के नेता लोकसभा चुनाव की इस गहमा-गहमी में भी खामोश बैठे हैं। दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं व नेताओं के पास लुधियाना संसदीय क्षेत्र से न तो उम्मीदवार है और न ही उनकी पार्टी ने किसी दूसरे दल के उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषणा की। ऐसे में पार्टी नेता व कार्यकर्ता किसी दूसरे दल के उम्मीदवार के समर्थन में भी प्रचार नहीं कर सकते। पार्टी नेता अब अपने कार्यकर्ताओं को दिलासा दे रहे हैं कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी कर रही है इसलिए वह खुद को भी 2022 विधानसभा चुनाव के लिए तैयार करना शुरू कर दें।  

loksabha election banner

लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले शिरोमणि अकाली दल बादल से अलग होते हुए टकसाली नेताओं ने नई पार्टी शिरोमणि अकाली दल टकसाली खड़ी की थी। पार्टी नेताओं ने एलान किया कि लोकसभा चुनाव में वह प्रदेश की सभी 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी। इस पर काफी संख्या में नेता पार्टी से जुड़ते गए। अकाली दल टकसाली नेताओं ने उस वक्त एक के बाद एक लुधियाना का दौरा किया और कई लोगों को पार्टी में शामिल करवाया। जब लोकसभा चुनाव लडऩे की बारी आई तो शिअद टकसाली ने सिर्फ तीन सीटों पर ही अपने उम्मीदवार उतारे और बाकी सीटें खाली छोड़ दी। इसी तरह आपणा पंजाब पार्टी के प्रमुख सुच्चा सिंह छोटेपुर ने भी लुधियाना में बैठकें की और कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार किया। लेकिन पार्टी ने भी न तो अपना उम्मीदवार दिया और न ही किसी पार्टी के साथ गठबंधन किया। इस वजह से आपणा पंजाब पार्टी के कार्यकर्ता भी फिलहाल लोकसभा की लड़ाई से दूर हैं।

2022 विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे टकसाली
शिअद टकसाली का उम्मीदवार न होने की वजह से नेताओं ने लोकसभा चुनाव से खुद को अलग कर दिया। जो नेता पार्टी में शामिल हुए थे, उन्होंने अब विधानसभा चुनाव 2022 के लिए अपनी जमीन तैयार करनी शुरू कर दी। पार्टी ने साफ कर दिया कि उनकी पार्टी से जुड़े लोग जिस भी उम्मीदवार को वोट देना चाहते हैं, वह अपने स्तर पर फैसला करें। शिअद टकसाली यूथ मालवा जोन के प्रधान जसप्रीत ङ्क्षसह हौबी ने बताया कि लुधियाना संसदीय क्षेत्र में उनकी पार्टी का किसी से गठबंधन नहीं है। फिलहाल कार्यकर्ता विधानसभा चुनाव के लिए अपनी जमीन तैयार करने में जुट गए हैं।

आपणा पंजाब पार्टी जल्द करेगी फैसला

लुधियाना संसदीय क्षेत्र से आपणा पंजाब पार्टी दो मई के बाद अपना रुख साफ करेगी। दरअसल पार्टी कार्यकर्ता नेताओं पर लगातार दबाव बना रहे हैं कि वह लोकसभा चुनाव के दौरान क्या करें। चुनाव से पहले सुखपाल सिंह खैहरा के साथ तालमेल न होने की वजह से गठबंधन में शामिल नहीं हुए। ऐसे में गठबंधन के उम्मीदवार को सहयोग करना संभव नहीं है। इसी तरह आप के साथ भी पार्टी प्रमुख सुच्चा सिंह छोटेपुर के मतभेद हैं। कांग्रेस व अकाली दल से भी उनके मतभेद रहे हैं। इस तरह पार्टी इन चुनावों में खामोश ही रहेगी या फिर किसी उम्मीदवार को सहयोग देगी, इस पर दो मई के बाद फैसला लिया जाएगा। आपणा पंजाब पार्टी यूथ विंग लुधियाना के जिला प्रधान सिमरनदीप सिंह ने बताया कि हाईकमान के आदेश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि वैसे उनकी पार्टी इस समय 2022 के विधानसभा पर फोकस कर रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.