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शिअद नेता महेशइंद्र गरेवाल ने इन्वेस्टर्स समिट को बताया फ्लाप शो बताया

शिरोमणि अकाली दल ने बुधवार को लुधियाना में आयोजित पंजाब इंवेस्टर्स समिट 2021 को फ्लाप शो करार दिया जिसमें कांग्रेस सरकार की उद्योग विरोधी नीतियों के कारण निवेशकों के साथ कोई ठोस निवेश नहीं किया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 01:32 AM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 01:32 AM (IST)
शिअद नेता महेशइंद्र गरेवाल ने इन्वेस्टर्स समिट को बताया फ्लाप शो बताया
शिअद नेता महेशइंद्र गरेवाल ने इन्वेस्टर्स समिट को बताया फ्लाप शो बताया

जागरण संवाददाता, लुधियाना : शिरोमणि अकाली दल ने बुधवार को लुधियाना में आयोजित पंजाब इंवेस्टर्स समिट 2021 को फ्लाप शो करार दिया, जिसमें कांग्रेस सरकार की उद्योग विरोधी नीतियों के कारण निवेशकों के साथ कोई ठोस निवेश नहीं किया है। इसका खुलासा करते हुए पूर्व मंत्री महेशइंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने निवेश शिखर सम्मेलन के अवसर का इस्तेमाल यहां सत्र आयोजित करने के लिए किया, क्योंकि हाल ही में अपनी यात्राओं के दौरान अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को व्यापार और उद्योग से मिले भारी समर्थन के बाद सरकार नर्वस हो गई। चन्नी ने उद्योग को लुभाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे, क्योंकि निवेशक कांग्रेस सरकार के पिछले रिकॉर्ड से परिचित थे, जिसे राज्य में निवेश को आकर्षित करने के लिए विशेष प्रोत्साहिन देने से इंकार कर दिया। घर में विकसित उद्योग को अपनी विस्तार योजनाओं में मदद करने के लिए कोई प्रोत्साहन देने से इंकार कर दिया। यही वजह है कि पिछले करीब पांच साल के दौरान पंजाब में कोई नई इंडस्ट्री नहीं आई। उन्होंने कहा कि आईटीसी जैसी कुछ प्रमुख इकाईयां, जो पिछली अकाली दल की अगुवाई वाली सरकार के समय स्थापित की गई थी, वे विस्तार के लिए बाहर चली गई।

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ग्रेवाल ने कहा कि आज भी निवेशकों को झटका लगा है कि मुख्यमंत्री नए निवेश के लिए किसी विशेष प्रोत्साहिन के साथ साथ मौजूदा प्रोजेक्ट के विस्तार की घोषणा करने में विफल रहे। उन्होंने कहा कि इसी तरह मुख्यमंत्री ने लुधियाना के लिए किसी विशेष परियोजना की घोषणा नही की और न ही इसके ढहते बुनियादी ढ़ांचे को ठीक करने के लिए कोई योजना लाई गई। अकाली नेता ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र ने विश्वासघात महसूस किया कि कांग्रेस सरकार वादे के अनुसार पांच रूपये प्रति यूनिट की लागत से बिजली देने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र के लिए टैरिफ कम करने के बजाय इसे कई गुना बार बढ़ाया गया था। उद्योगपत्ति्यों को कांग्रेस कार्यकाल के दौरान भारी बिजली बंद का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उन्हे वैकल्पिक बिजली स्त्रोतों का उपयोग करना पड़ा, जिससे उनकी इनपुट लागत में और बढ़ोतरी हुई।

अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि निवेशकों ने शहर के साथ साथ कानून और व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के बारे में भी शिकायत की थी, जिसके कारण नए निवेश को आकर्षि करने के बजाय वे राज्य से भाग रहे हैं। कांग्रेस सरकार उद्योग में कोई विश्वास पैदा करने में विफल रही है तथा यह विश्वास दिलाने में विफल रही है कि सरकार उन्हे प्रभावी ढंग से गैंगस्टर तथा अपराधी तत्वों के खिलाफ उनकी रक्षा करेगी।


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