जज्बे को सलाम: जिस मैदान पर गर्दन के आरपार हुई थी जेवलिन, उसी में जीता पदक
वर्ष 2019 में गडवासू की एथलेटिक मीट पीएयू के ग्राउंड में हुई थी। तब इसमें भाग लेने रुतेंजय भी पहुंचे थे। 12 मार्च की शाम को रुतेंजय मार्चपास्ट का अभ्यास करने पहुंचे।
लुधियाना [आशा मेहता]। एक साल पहले पीएयू ग्राउंड में हुई गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासू) की वार्षिक एथलेटिक मीट में हिस्सा लेने आए अमृतसर के खालसा कॉलेज ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल साइंस के स्टूडेंट की गर्दन से जैवलिन (भाला) आर-पार हो गई थी। करीब 20 दिनों तक वह हीरो डीएमसी हार्ट इंस्टीट्यूट में मौत से लड़ा और फिर असहनीय पीड़ा के साथ तीन महीने से अधिक समय तक बेड पर रहा।
उसने हौसला नहीं खोया और जिंदगी की जंग जीतने के बाद एक बार फिर से वह मैदान पर उतरा और पदक अपनी झोली में डाला। यह हैं अमृतसर के खालसा कॉलेज ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल साइंस के वेटरनरी साइंस में थर्ड इयर के विद्यार्थी रुतेंजय ओहलन। वह इस साल भी अपने कॉलेज की तरफ से गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासू) की एक दिवसीय सालाना एथलेटिक मीट में हिस्सा लेने के लिए वीरवार को पीएयू एथलेटिक ग्राउंड में पहुंचे थे। रुतेंजय ने जब फिर अपनी गति का अच्छा प्रदर्शन करते हुए 400 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता, तो उसके दोस्तों के साथ एथलेटिक ग्राउंड में मौजूद वेटरनरी यूनिवर्सिटी के खिलाडिय़ों व शिक्षकों ने उसके जज्बे को सलाम किया।
पदक पाने के बाद रुतेंजय ने कहा, पिता ने दिया हौसला
पदक जीतने के बाद रुतेंजय की खुशी का ठिकाना नहीं था। उन्होंने कहा कि आज उनके लिए बहुत बड़ा दिन है। इसी ग्राउंड पर पिछले साल उनके साथ एक भयानक हादसा हो गया था। गले की बहुत बड़ी सर्जरी हुई थी, तो सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। ऐसे में योग का सहारा लिया। रुतेंजय ने कहा कि वह उम्मीद खो चुके थे कि पता नहीं दोबारा मैदान में जा पाएंगे या नहीं। लेकिन पिता राजेश ओलियान और मां सुमन ने हौसला देते कहा कि कभी हिम्मत नहीं हारनी। मजबूत इरादे हों, तो कुछ भी नामुमुकिन नहीं है। इस गुरु मंत्र के साथ उन्होंने तेजी से रिकवरी की और आज ग्राउंड में अपना बेहतर प्रदर्शन कर पाया। रुतेंजय ने बताया कि अब वह 1 से 5 मार्च को तिरुपति में होने वाली इंटरएग्री यूनिवर्सिटी एथलेटिक मीट में खेलने जा रहे हैं।
वर्ष 2019 में जेवलिन गले के आर-पार हो गई थी
वर्ष 2019 में गडवासू की एथलेटिक मीट पीएयू के ग्राउंड में हुई थी। तब इसमें भाग लेने रुतेंजय भी पहुंचे थे। 12 मार्च की शाम को रुतेंजय मार्चपास्ट का अभ्यास करने पहुंचे। इसी दौरान पीएयू के एथलेटिक ग्राउंड में जैवलिन थ्रो का मैच चल रहा था। अचानक रुतेंजय ग्राउंड में चले गए और एक खिलाड़ी का जैवलिन उनकी गर्दन के आर-पार हो गया था। वह लहूलुहान हो गए। उन्हें तत्काल डीएमसी पहुंचाया गया। उनके गले की ब्लड वैसल को काफी क्षति पहुंची थी। इसके लिए बड़ी सर्जरी करनी पड़ी थी।
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