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लुधियाना में चुनावी साल में बनी सड़कों पर नपेंगे अफसर, विजिलेंस ने स्थानीय निकाय विभाग से मांगी रिपोर्ट

लुधियाना मे चुनावी साल में बनी सड़कें सर्दी की एक बारिश भी नहीं झेल पाई है। सड़क निर्माण के वक्त ही सड़कों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए थे और आरटीआइ एक्टिविस्ट रोहित सभ्रवाल ने तब ही स्थानीय निकाय विभाग को इस संबंध में शिकायत दे दी थी।

By Vinay KumarEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 09:21 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 09:21 AM (IST)
लुधियाना में चुनावी साल में बनी सड़कों पर नपेंगे अफसर, विजिलेंस ने स्थानीय निकाय विभाग से मांगी रिपोर्ट
लुधियाना में चुनावी साल में बनी सड़कें बिखर चुकी हैं।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। चुनावी साल में बनी सड़कें सर्दी की एक बारिश भी नहीं झेल पाई। जनवरी माह के पहले सप्ताह में हुई बारिश से शहर में बनी ज्यादातर सड़कें हैं बिखर चुकी है। नगर निगम अफसरों ने अपनी लापरवाही छुपाने के लिए पहले सड़कों पर झाड़ू मरवा कर बजरी साफ करवाई और सड़कें टूटनी बंद नहीं हुई तो कोलतार का छिड़काव करके सड़कों को टूटने से बचाने की कोशिश करते रहे। लेकिन निगम अफसरों की यह कवायद भी काम नहीं आई और शहर में सड़कों का टूटना लगातार जारी है।

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सड़क निर्माण के वक्त ही सड़कों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए थे और आरटीआइ एक्टिविस्ट रोहित सभ्रवाल ने तब ही स्थानीय निकाय विभाग को इस संबंध में शिकायत दे दी थी। लेकिन स्थानीय निकाय विभाग ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। रोहित सभ्रवाल ने उसके बाद विजिलेंस विभाग को इन सड़कों की शिकायत दी। विजिलेंस विभाग ने अब स्थानीय निकाय विभाग से सड़क की रिपोर्ट और अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। हालांकि नगर निगम कमिश्नर प्रदीप सभ्ररवाल भी शहर में हुए विकास कार्यों की थर्ड पार्टी जांच के लिए स्थानीय निकाय विभाग को पत्र लिख चुके हैं।

जल्दी ही स्थानीय निकाय विभाग किसी अन्य एजेंसी से शहर में बनी सड़कों की जांच करवाएगा। जिससे साफ है कि नगर निगम बीएंडआर ब्रांच के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होनी तय है। रोहित सभ्ररवाल ने बताया कि नगर निगम की सड़कें हैं इस बार एक महीना भी नहीं झेल पाई और ज्यादातर बनी सड़कें टूट चुकी हैं। उन्होंने बताया कि जब सड़कें बन रही थी उस समय शिकायत की गई थी लेकिन किसी भी अफसर ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया जिससे साफ है कि स्तरहीन सड़कें बनाने में अफसरों की मिलीभगत भी है।


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