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जहां से गुजरना था सीएम को वहां की सड़क करा दी चकाचक Ludhiana News

आठ नंबर गेट से मौसम विभाग के फार्म तक की सड़क को बनवाया गया जिसे पिछले कई महीनों से पत्थर डालकर छोड़ा गया था। वहीं हैलीपेड की तरफ जाने वाली सड़क को भी बनाया गया।

By Edited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 07:58 AM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 07:59 AM (IST)
जहां से गुजरना था सीएम को वहां की सड़क करा दी चकाचक Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में शनिवार से दो दिवसीय किसान मेला और गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी की ओर से तीन दिवसीय रीजनल एग्रीकल्चर व पशु पालन मेला शुरू होगा। दोनों मेलों में पंजाब सहित राजस्थान, हिमाचल, हरियाणा से आने वाले करीब एक लाख से अधिक किसानों व पशु पालक पहुंचेंगे। मेले में इस बार सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह भी आ रहे हैं। जैसे ही सीएम के आने की सूचना मिली तो यूनिवर्सिटी प्रशासन व मंडी बोर्ड के अधिकारियों में हड़कंप मच गया।

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मंडी बोर्ड ने शुक्रवार सुबह तत्काल प्रभाव से कैंपस की खस्ताहाल सड़कों को बनाने का कार्य शुरू कर दिया। आठ नंबर गेट से मौसम विभाग के फार्म तक की सड़क को बनवाया गया, जिसे पिछले कई महीनों से पत्थर डालकर छोड़ा गया था। वहीं हैलीपेड की तरफ जाने वाली सड़क को भी बनाया गया। इसी तरह पेट्रोल पंप की तरफ जाने वाली सड़क पर पड़े बड़े-बड़े गड्ढो को भरवाया गया।

पेट्रोल पंप से तीन नंबर गेट की तरफ जाने वाली सड़क पर पड़े गड्ढों पर भी पैचवर्क किया गया। कार्यक्रम के अनुसार सीएम ने पीएयू किसान मेले का उद्घाटन करने के बाद इन सड़कों के दोनों तरफ विभिन्न विभागों द्वारा लगाई प्रदर्शनियों को देखने के लिए कार में जाना था।

बारिश ने मेले की तैयारियों पर फेरा पानी, ओपन एयर थिएटर ग्राउंड में भरा पानी शुक्रवार दोपहर को जिस वक्त कैंपस में किसान व पशु पालन मेले की अंतिम तैयारियां चल रही थी, उसी दौरान बारिश ने दस्तक दे दी। तेज धूप के बीच बारिश के आते ही मेला आयोजकों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई। करीब एक घंटे तक मानसून बरसा, जिससे न सिर्फ मेले की तैयारियां रुक गई, बल्कि किसान मेला ग्राउंड सहित दूसरे जगहों पर पानी भर गया। मेला ग्राउंड तो दलदल के रूप में तबदील हो गया, वहीं जिन सड़कों पर पैच वर्क किया गया था, वह बारिश से धुल गई। इसके अलावा ऑटो मोबाइल कंपनियों के स्टाल को भी नुकसान पहुंचा।

मानसून के मिजाज से डरे वैज्ञानिक

बता दें कि शुक्रवार को बारिश का पूर्वानुमान नहीं था, लेकिन बारिश ने दस्तक दी। जबकि इंडिया मेट्रोलाजिकल डिपार्टमेंट चंडीगढ़ के वीरवार के पूर्वानुमान के अनुसार शनिवार को बारिश की संभावना जताई गई थी। ऐसे में वक्त बेवक्त दस्तक दे रही बारिश के मिजाज को लेकर दोनों यूनिवर्सिटी के अधिकारी डरे हुए हैं। अधिकारियों को डर सताता रहा कि कहीं मेले वाले दिन बारिश न आ जाए। वो भी तब, जब मेले में बतौर मुख्यातिथि सीएम ने आना है।

खुले में नहीं फेंका जाएगा कचरा, फूड स्टाल वालों को दिए जाएंगे गारबेज बैग

अकसर किसान मेले के दौरान फूड स्टाल लगाने वाले प्लास्टिक के बर्तनों व दूसरे कचरे को खुले में यहां वहां फेंक देते थे, जिससे कैंपस में चारों तरफ गंदगी फैल जाती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। यूनिवर्सिटी प्रशासन मेले के दौरान कैंपस को साफ-सुथरा रखने के लिए इस बार फूड स्टाल संचालकों को गारबेज बैग देगी। फूड स्टाल संचालकों को कड़े निर्देश भी दिए जाएंगे कि कचरे को जमीन पर फेंकने की बजाए बैग में डालें। ऐसा न करने पर कार्रवाई भी की जाएगी। इसके अलावा अलग जगहों पर कचरा उठाने के लिए ट्रॉलियां खड़ी की जाएंगी। यूनिवर्सिटी के एस्टेट अफसर डॉ. वीएस हांस के अनुसार मेले के दौरान अलग अलग कलर के बड़े डस्टबिन भी रखे जाएंगे।

तारीख बदले जाने से अनभिज्ञ किसान पीएयू पहुंचे, निराश होकर लौटे

किसान मेला 20 व 21 सितंबर को रखा गया था, जिसके बाद मेले की तारीख को बदल कर 21 व 22 सितंबर कर दिया गया। जिन किसानों को मेले की तारीख बदले जाने के बारे में नहीं पता था, वह शुक्रवार को पीएयू पहुंच गए। शुक्रवार को पंजाब व राजस्थान से दो सौ से अधिक किसान पीएयू पहुंच गए। किसान जब पीएयू के एक नंबर व दो नंबर गेट पर पहुंचे तो गेट पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने बताया कि मेला शनिवार से शुरू होगा।


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