National Highway पर शॉर्टकट के चक्कर में गवां रहे जान, नया ट्रैफिक प्लान बनाएगी पुलिस Ludhiana News
पड़ताल में यह बात सामने आई है कि नेशनल हाईवे पर रोड क्रॉसिंग के लिए कट दूर बने होने की वजह से लोग डिवाइडर के ऊपर से ही गलत तरीके से सड़क पार कर रहे हैं या फिर गलत दिशा में जा रहे हैं
लुधियाना, जेएनएन। नेशनल हाईवे नंबर-44 पर साहनेवाल से लाडोवाल तक आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। इससे लुधियाना ट्रैफिक पुलिस भी चिंतित है। ट्रैफिक पुलिस के एसीपी गुरदेव सिंह ने अपने स्तर पर पड़ताल शुरू कर इन दुर्घटनाओं का कारण जानने की कोशिश की। इस पड़ताल में यह बात सामने आई है कि नेशनल हाईवे पर रोड क्रॉसिंग के लिए कट दूर बने होने की वजह से लोग डिवाइडर के ऊपर से ही गलत तरीके से सड़क पार कर रहे हैं या फिर गलत दिशा में जा रहे हैं। इसी शॉर्टकट के कारण लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।
यह हाल तो तब हैं जब अभी नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया ने बीच में बने अस्थायी कट बंद नहीं किए। ये कट बंद हुए तो रोड पार करने के लिए लोगों को अधिक दूरी तय करनी होगी। इसके बाद गलत ढंग से सड़क पार करने की घटनाएं ज्यादा हो जाएंगी।
साहनेवाल से लाडोवाल तक 30 किमी में 10 संवेदनशील प्वाइंट
साहनेवाल से लाडोवाल तक करीब 30 किलोमीटर के क्षेत्र में दस ऐसे प्वाइंट हैं जिन्हें दुर्घटना के लिए ट्रैफिक पुलिस ने अति संवेदनशील माना है। इन प्वाइंटों पर लगातार दुर्घटनाएं होती रहती हैं। ढंडारी आरओबी के पास सबसे ज्यादा हादसे होते हैं, क्योंकि वहां पर लोग डिवाइडर से ही दोपहिया वाहनों पर गुजरते करते हैं। ग्यासपुरा और शेरपुर चौक में लोग गलत दिशा में वाहन चलाते हैं। इसी तरह ताजपुर चौक, टिब्बा रोड, बस्ती जोधेवाल के सामने, कैलाश चौक, काली सड़क के सामने, जालंधर बाईपास के आगे जहां पुल खत्म होता है, लाडोवाल के पास बना कट पुलिस के अनुसार सबसे संवेदनशील स्पॉट हैं।
नेशनल हाईवे नंबर 44 पर होती हैं 80 फीसद दुर्घटनाएं
जानकारी के अनुसार शहर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में से 80 फीसद दुर्घटनाएं नेशनल हाईवे नंबर 44 पर होती हैं। एसीपी ट्रैफिक गुरदेव ¨सह की रिसर्च अभी जारी है, लेकिन अब तक उन्होंने जो भी सूचनाएं एकत्रित की हैं, उसके हिसाब से नेशनल हाईवे नंबर 44 पर सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण डिवाइडर के ऊपर से सड़क पार करना और गलत दिशा में वाहन चलाना है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी और डीसी को देंगे यह रिपोर्ट एसीपी ट्रैफिक गुरदेव सिंह की रिसर्च का निष्कर्ष जल्दी ही सामने आने वाला है। इसके आधार पर वह रिपोर्ट तैयार करके नेशनल हाईवे अथॉरिटी, डीसी और पुलिस कमिश्नर को भेजेंगे। इसके बाद उस रिसर्च रिपोर्ट के आधार पर ट्रैफिक प्लान तैयार किया जाएगा।
शहर में होने वाली 80 फीसद दुर्घटनाएं नेशनल हाईवे पर होती हैं। लगातार दुर्घटनाएं हुई तो मैंने इस पर रिसर्च शुरू की। रिसर्च में गलत दिशा में वाहन चलाने और डिवाइडर के ऊपर से सड़क पार करने से दुर्घटनाएं होने की बात सामने आई। पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी और उसके बाद ट्रैफिक प्लान तैयार किया जाएगा।
-गुरदेव सिंह, एसीपी ट्रैफिक।
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