रेडिमेड गारमेंट निर्यात में ग्रोथ नहीं, बिगड़ा उद्यमियों का गणित
देश से रेडिमेड गारमेंट्स के निर्यात में ग्रोथ न मिलने से उद्यमियों का गणित बिगड़ रहा है।
राजीव शर्मा, लुधियाना
देश से रेडिमेड गारमेंट्स के निर्यात में ग्रोथ न मिलने से उद्यमियों का गणित बिगड़ रहा है। ऐसे में कई उद्यमी ओवरसीज मार्केट के साथ घरेलू बाजार में भी हाथ आजमा रहे हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से दिसंबर तक के नौ माह में रेडिमेड गारमेंट का निर्यात पिछले वित्त वर्ष के 79826.57 करोड़ से 1.07 फीसद कम होकर चालू वित्त वर्ष में 78974.99 करोड़ रह गया है। हालांकि वित्त वर्ष के नौ माह में से चार माह निर्यात नेगेटिव एवं पांच माह पॉजिटिव में रहा है। बावजूद इसके नौ माह की ग्रोथ माइनस में ही है। उद्यमियों का तर्क है कि रेडिमेड गारमेंट का निर्यात प्रोत्साहित करने के लिए सरकार को आर्थिक राहतें देनी होंगी।
निटवियर अपैरल एक्सपोर्टर्स आर्गेनाइजेशन के प्रेसिडेंट हरीश दुआ का कहना है कि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में रुपये में गणना के अनुसार निर्यात में 1.07 फीसद की कमी देखी जा रही है, जबकि डॉलर में यह कमी 8.35 फीसद है। दुआ ने कहा कि ओवरसीज मार्केट में उठापठक के चलते भी निर्यात पर असर हुआ है। दूसरा सरकार ने कई इंसेंटिव वापस ले लिए। उनका असर भी निर्यात पर पड़ा। उनका तर्क है कि यदि सरकार निर्यातकों को विश्व बाजार के मुकाबले पर सुविधाएं दे तो भारतीय निर्यात को आसानी से बढ़ाया जा सकता है। निर्यातकों की उत्पादन लागत को कम करने के लिए उपाय करने होंगे। निर्यात हो रहे करों की वापसी सुनिश्चित करनी होगी। फ्रेट सब्सिडी उपलब्ध करानी होगी। दुआ ने कहा कि ओवरसीज मार्केट में सुस्त रिस्पांस के कारण ही कई उद्यमी अब घरेलू बाजार में भी हाथ आजमा रहे हैं।