डा. राजेंद्र मुनि ने प्रवचनों में कहा, प्रार्थना में यदि प्राण न जुड़े तो वह अधूरी है
एसएस जैन स्थानक किचलू नगर में गुरुदेव डा. राजेंद्र मुनि सुरेंद्र मुनि के सान्निध्य में प्रार्थना सभा जारी है।
संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक किचलू नगर में गुरुदेव डा. राजेंद्र मुनि, सुरेंद्र मुनि के सान्निध्य में प्रार्थना सभा जारी है। मंगलवार की सभा में गुरुदेव डा. राजेंद्र मुनि ने कहा कि प्रार्थना थोड़ी देर ही सही, मगर पूरी प्रार्थना से करो। प्रार्थना में यदि तुम्हारे प्राण न जुड़े तो वह अधूरी है। मगर इसका यह मतबल नहीं कि तुम माला फेरना ही बंद कर दो।
माला के 107 मनकों पर भले ही मन न टिका हो, आखिरी मनके पर भी पल भर के लिए टिक गया तो समझो प्रार्थना सार्थक हो गई। उदाहरण के रूप में दिन भर में दुकान पर कोई ग्राहक नहीं आया, मगर दुकान मंगल के समय एक ग्राहक आया और दस हजार का माल ले लिया तो समझो दुकान पर बैठना सार्थक हो गया। उन्होंने कहा कि मनुष्य में अहंकार आया तो समझो गई भैंस पानी में। यह भैंस और कोई नहीं, बल्कि आदमी का मन है। जो लाखों बार समझाने पर भी नहीं समझता। वहीं करता है। जो हम उसे न करने को कहते हैं। अगर आपने अपने मन को समझा लिया तो फिर आपको कि किसी संत के प्रवचन सुनने की जरूरत नहीं है। इस अवसर पर जैन स्थानक महासचिव मुनीष जैन ने कहा कि नवकार महामंत्र नवपद आराधना का आयोजन बुधवार से आरंभ होकर 25 नवंबर तक जारी रहेगा। जिस भी साधक ने साधना करनी हो, वह काले रंग के कपड़े व चमडे़ का समान ना पहनकर आएं।