तेज हवाओं के बीच बारिश और ओलावृष्टि से बढ़ी ठंड, किसानों के चेहरे पर लौटी खुशी
वेस्टर्न डिस्टर्बेस के एक्टिव होने से सोमवार को बारिश व ओलावृष्टि होने से औद्योगिक शहर ठंड से कांप उठा। हवाओं के बीच जब बारिश ने दस्तक दी तो दिन का तापमान जहां सामान्य से कम रहा।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : वेस्टर्न डिस्टर्बेस के एक्टिव होने से सोमवार और मंगलवार को बारिश व ओलावृष्टि होने से औद्योगिक शहर ठंड से कांप उठा। करीब बीस किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही हवाओं के बीच जब बारिश ने दस्तक दी तो दिन का तापमान जहां सामान्य से कम रहा। रात साढ़े सात बजे के करीब ओलावृष्टि भी हुई जिससे दोपहिया वाहन चालकों को खासा परेशानी उठानी पड़ी। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग की प्रमुख डॉ. प्रभजोत कौर सिद्धू के अनुसार सोमवार को अधिकतम तापमान 16. 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि सामान्य से एक डिग्री कम रहा। हालांकि रात का तापमान 11.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि सामान्य से छह डिग्री अधिक था।
न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज
डॉ. प्रभजोत सिद्धू के अनुसार बादल छाए रहने की वजह से न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई। जबकि बारिश व ठंडी हवाओं की वजह से अधिकतम तापमान गिर गया। उन्होंने कहा कि रविवार की तुलना में अधिकतम तापमान छह डिग्री कम रहा। रविवार को अधिकतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस था। डॉ. सिद्धू ने कहा कि शहर के लोगों को आगामी दो दिनों तक कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ेगा। पूर्वानुमान के अनुसार अमृतसर, गुरदासपुर, पठानकोट, जालंधर, लुधियाना, मोगा, पटियाला, संगरूर, नवांशहर, आनंदपुर साहिब व चंडीगढ़ के बहुत से भागों में तेज बारिश की संभावना है जबकि फिरोजपुर, फरीदकोट, मुक्तसर, बठिंडा, मानसा के बहुत से भागों में हल्की बारिश हो सकती है। इस बीच करीब तीस से चालीस किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी और बादल भी गरेंगे। यहीं नहीं, पूर्वानुमान के अनुसार नीम पहाड़ी इलाकों में कुछ जगहों पर तेज बारिश और ओलावृष्टि भी हो सकती है।
बारिश फसलों के लिए फायदेमंद
सोमवार को जिले के कई जगहों पर बारिश हुई। बारिश को देखकर किसानों के चेहरों पर खुशी देखी गई। किसानों ने बारिश को गेहूं की फसलों के लिए फायदेमंद बताया। इससे गेहूं को पानी लगाने से राहत मिलेगी। हालांकि उनका कहना था कि अगर तेज बारिश होती है, तो थोड़ा बहुत नुकसान हो सकता है। उधर पीएयू के कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि दो दिन तक खेतों में पानी न लगाएं। इसके अलावा स्प्रे करने से भी मनाही की है।