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पंजाबी युवक मलेशिया के जंगल में छिपकर काट रहा जिंदगी, लकड़ियों के बदले होटल मालिक देता है रोटी

गुरमेल सिंह ने बताया कि उनका बेटा खुशदीप गांव के एक इमीग्रेशन सेंटर के जरिए वर्क पर्मिट पर मलेशिया गया था लेकिन वहां पहुंचकर उसे काम नहीं मिला। एजेंटों ने उसका पासपोर्ट भी छीन लिया। उसे अब मलेशिया के जंगलों में छिपकर रहना पड़ रहा है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 07:01 AM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 08:32 AM (IST)
पंजाबी युवक मलेशिया के जंगल में छिपकर काट रहा जिंदगी, लकड़ियों के बदले होटल मालिक देता है रोटी
भाकियू एकता उग्राहा के नेतृत्व में आइलेट्स सेंटर के बाहर प्रदर्शन करते हुए गांव बाजक के लोग। जागरण

जासं, बठिंडा। गांव बाजक का एक युवक को पौने पांच साल पहले वर्क परमिट पर मलेशिया गया था लेकिन आज वह वहां जंगलों में छिपकर रहने को मजबूर है। वह अपना पेट भरने के लिए जंगल में से लकड़ियां काटकर वहां के एक ढाबे वाले को देता है। इसके बदले में ढाबा मालिक उसे दो वक्त की रोटी दे रहा है। गुरमेल सिंह ने बताया कि उनका बेटा खुशदीप गांव के एक इमीग्रेशन सेंटर के जरिए वर्क पर्मिट पर मलेशिया गया था लेकिन वहां पहुंचकर उसे काम नहीं मिला। वहां के एजेंटों ने उसका पासपोर्ट भी छीन लिया। इस कारण खुशदीप को मलेशिया के जंगल में छिपकर रहना पड़ रहा है।

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गुरमेल सिंह ने बताया कि उन्होंने कई बार इमीग्रेशन सेंटर के मालिक से बेटे को वापस लाने की मिन्नत की लेकिन उसने ऊंची पहुंच का रौब दिखाते हुए एक नहीं सुनी। उनका आरोप है कि इमीग्रेशन सेंटर के मालिक के एजेंटों ने मलेशिया में लड़के का पासपोर्ट भी छीन लिया है। कहीं सुनवाई न होने पर अब उन्हें किसान यूनियन का सहारा लेना पड़ा है। भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहा के नेतृत्व में गांव बाजक के लोगों ने मंगलवार को अजीत रोड स्थित आईलेट्स और इमीग्रेशन सेंटर के सामने धरना देकर प्रदर्शन किया। गांव वासियों ने इमीग्रेशन सेंटर के मालिक के खिलाफ नारेबाजी की।

धरना की सूचना मिलने पर थाना सिवल लाइन के एसएचओ रविंदर सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसान यूनियन के नेताओं और पीड़ित परिवार की बात सुनने के बाद सेंटर चला रहे व्यक्तियों से बातचीत की। उन्होंने भरोसा दिया कि छह अक्टूबर तक वह मलेशिया में फंसे खुशदीप को वापस बठिंडा ले आएंगे। इसके बाद किसानों ने धरना समाप्त कर दिया। 

कनाडा गई बेटी की फीस के लिए घर बेचा, पैसे सेंटर मालिक ने हड़पे

धरने में पहुंचे जसविंदर पाल निवासी भागू रोड ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी को इसी आइलेट्स सेंटर के जरिये पढ़ाई के लिए कनाडा भेजा था। बेटी के कालेज की फीस के लिए उसने पौने नौ लाख रुपये सेंटर के मालिक को दिए थे लेकिन उसने अब तक बेटी के कालेज की फीस नहीं भरी। बात करने पर उसने बेटी को कनाडा से डिपोर्ट करवाने की धमकी देकर चुप करवाने की कोशिश की। जसविंदर ने कहा कि उन्होंने अपना घर बेचकर बेटी के कालेज की फीस दी थीष उन्होंने सेंटर मालिक के खिलाफ थाना सिविल लाइन में शिकायत की है। पुलिस की तरफ से इंसाफ न मिलने पर उसने एसएसपी तक पहुंच की। इसके बाद उन्होंने इस मामले की जांच ईओ विंग को सौंप दी, लेकिन ईओ विंग ने भी उसको इंसाफ नहीं दिलाया। जसविंदरपाल सिंह ने बताया कि सेंटर मालिक ने उन्हें 3.5 लाख रुपये का चेक दिया था जो कि उसके खाते में पैसे न होने के कारण बाउस हो गया।


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