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परीक्षा से पहले बोर्ड ने खूब लगवाी बच्चों की 'दौड़'

पीएसईबी हमेशा ही किसी न किसी कारनामे की वजह से सुर्खियों में रहता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 05:00 AM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 06:08 AM (IST)
परीक्षा से पहले बोर्ड ने खूब लगवाी बच्चों की 'दौड़'
परीक्षा से पहले बोर्ड ने खूब लगवाी बच्चों की 'दौड़'

जासं, लुधियाना : पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) हमेशा ही किसी न किसी कारनामे की वजह से सुर्खियों में रहता है। मंगलवार से पीएसईबी की आठवीं और 12वीं की परीक्षाएं शुरू हुई।

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आठवीं कक्षा के बच्चों का पंजाबी का पेपर था जिसका समय सुबह नौ से दोपहर सवा 12 बजे तक था। बच्चे भी पूरी तैयारी के साथ पेपर देने के लिए स्कूल स्टाफ के साथ अपने-अपने परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे। वहीं अब बोर्ड का कारनामा देखिए, पेपर से एक दिन पहले ही कई बच्चों के परीक्षा केंद्र ही बदल दिए गए और इसके बारे में स्कूल संचालकों को पहले से बताया ही नहीं गया। यहां तक कि कई स्कूली बच्चों के केंद्र को 35 से 40 किलोमीटर दूर बना दिया गया। इस कारण पेपर देने से पहले ही बच्चों की दौड़ लगी रही। कई केंद्रों पर बच्चे परीक्षा शुरू होने के करीब एक से डेढ़ घंटे बाद पहुंचे। हालांकि उन्हें बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद परीक्षा में बैठने दिया और अतिरिक्त समय भी दिया गया। देखा जाए तो बोर्ड की इस लापरवाही की वजह से बच्चों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा। इस वजह से मानसिक रूप से भी वे परेशान दिखे।

दरअसल, ऐसे 12 से अधिक स्कूल रहे जिन्हें परीक्षा केंद्र पर पहुंचने के दौरान पता चला कि उनका सेंटर बदल दिया गया है।

स्कूल प्रमुखों ने कहा, बोर्ड ने बेहद भद्दा मजाक किया

बच्चों के साथ-साथ स्टाफ सदस्यों को हुई इस परेशानी पर स्कूल प्रमुखों ने कहा कि पीएसईबी ने इस तरह परीक्षा केंद्र बदलकर काफी भद्दा मजाक किया है। स्कूल संचालकों को परीक्षा सेंटर बदलने के बारे सूचित तक नहीं किया गया। शालीमार मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, न्यू पंजाब पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, स्मार्ट कॉन्वेंट स्कूल, अमृत मॉडल स्कूल, शिवालिक मॉडल स्कूल, बाल विकास मॉडल स्कूल के अलावा और भी कई ऐसे स्कूल रहे, जिन्हें परीक्षा सेंटर पहुंचने पर पता चला कि उनका सेंटर बदल दिया गया है।

पहले परीक्षा केंद्र पहुंचे तो बदल दिया, दूसरे पर पहुंचे तो वहां बना ही नहीं था

स्मार्ट कॉन्वेंट स्कूल ताजपुर रोड के स्टाफ सदस्य निशांत ने बताया कि उनके स्कूल का सेंटर सेखेवाल के सरकारी स्कूल में बना था। जब 12 बच्चों को लेकर सेंटर पहुंचे तो वहां पता चला कि पीएसईबी ने उनका सेंटर बदल दिया है। फिर उन्हें दोबारा वेबसाइट से एडमिट कार्ड डाउनलोड किया तो पता चला कि सेंटर वहां से और 20 किलोमीटर दूर हीरा गांव में बना दिया गया है। फिर वे वहां पर देरी से सवा दस बजे पहुंचे तो वहां भी बेहद भद्दा मजाक हुआ। वहां की प्रिसिपल से पता चला कि इस स्कूल में कोई सेंटर ही नहीं बना। फिर डीईओ सेकेंडरी से स्कूल वालों ने बात की तो पता चला कि ताजपुर रोड के दयाल पब्लिक स्कूल में उनका सेंटर बना है। सवा ग्यारह जब वह सेंटर पहुंचे तो वहां के सुपरिंटेंडेंट ने पहले तो देरी से आने पर बच्चों को परीक्षा में आने के लिए इंकार कर दिया। फिर बाद में उनको बोर्ड की मंजूरी के बाद सवा 11 बजे उन्हें सेंटर में दाखिल होने दिया गया। स्कूल के विद्यार्थियों को एक बजे तक का अतिरिक्त समय भी दिया गया।

इन स्कूलों के बच्चे भी हुए परेशान

बाल विकास मॉडल स्कूल

बाल विकास मॉडल स्कूल ढंडारी का सेंटर शेरपुर कलां के सरकारी स्कूल में बना था। जब स्कूल अध्यापक बच्चों के साथ इस सेंटर में पहुंचे तो पता चला कि उनका सेंटर भी बदल कर जगराओं के एक स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया। इस तरह विद्यार्थी सवा दस बजे परीक्षा सेंटर पहुंचे।

शालीमार स्कूल

शालीमार स्कूल के डायरेक्टर सिमरजीत ने कहा कि स्कूल के 145 बच्चों का सेंटर कोचर मार्केट के मालवा खालसा स्कूल में बना था। वे सेंटर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि स्कूल का परीक्षा केंद्र मॉडल टाउन के सरकारी स्कूल में बना है। हालांकि वह तय समय पर सेंटर पहुंच गए।

न्यू पंजाब पब्लिक स्कूल हंबड़ा

इसी तरह न्यू पंजाब पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल हंबड़ा के प्रिसिपल एमएल सेठी ने कहा कि स्कूल के 34 बच्चों का सेंटर नूरपुर बेट के स्कूल में बना था। जब वह बोर्ड की ओर से बताए गए केंद्र पर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि स्कूल का सेंटर हंबड़ा के सरकारी स्कूल में बना दिया गया है।

डीईओ बोलीं, हो सकता है स्कूलों ने सही समय पर चेक न किया हो

जिला शिक्षा अधिकारी (सेकेंडरी) स्वर्णजीत कौर ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बोर्ड समय-समय पर पोर्टल अपडेट करता रहता है। हो सकता है कि स्कूलों ने सही समय पर इसे चेक न किया हो। उन्होंने कहा कि स्मार्ट कॉन्वेंट स्कूल के सेंटर बदलने का मामला उनके ध्यान में था जिसे अतिरिक्त समय भी दिया गया। दूसरे स्कूलों को थोड़ी-बहुत परेशानी हुई, उन्हें कंट्रोल रूम पर लगे स्टाफ ने पहल के आधार पर हल कराया है।


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