पंजाब में सरकारी स्कूलों के बच्चों को नही मिली पूरी किताबें, गर्मियों की छुट्टियों में नहीं कर पाएंगे पढ़ाई
पंजाब के सरकारी स्कूलों में एक अप्रैल से सत्र आरंभ हो गया था। 50 दिन स्कूलों को खुले हुए हो गए हैं। अभी तक 265 टाइटल्स की किताबों में से सिर्फ 183 किताबें ही स्कूलों में पहुंची हैं।
सुशील पांडे, नवांशहर। मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार भले ही सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने का दावा करती है लेकिन शिक्षा विभाग अभी तक जिले के सरकारी स्कूलों के बच्चों को किताबें तक मुहैया नहीं करवा पाया है। एक अप्रैल से सत्र आरंभ होने के बाद 50 दिन स्कूलों को खुले हुए हो गए हैं। अभी तक 265 टाइटल्स की किताबों में से सिर्फ 183 किताबें ही स्कूलों में पहुंची है।
पंजाब सरकार निजी स्कूलों से मुकाबला करने की बात कहती है लकिन बच्चों को किताबें मुहैया न करवाकर उनकी पढ़ाई को खराब किया जा रहा है। निजी स्कूलों के बच्चे इन 50 दिनों में 30 फीसद से ज्यादा सिलेबस पूरा कर चुके हैं पर सरकारी स्कूल के बच्चे कई विषयो की पढ़ाई भी शुरू नहीं कर पा रहे हैं।
एक अप्रैल से सभी स्कूलों में नया सेशन शुरू हो चुका हैं पर किताबें न होने के कारण विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई शुरू करने के लिए मजबूरन निजी पब्लिकेशन से किताबें खरीदनी पड़ रही हैं। निजी दुकानों पर किताबें पहुंच गई हैं, जिस कारण लोगों को पैसे देकर किताबें खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। साथ ही जो विद्यार्थी किताबें नहीं खरीद सकते, उन्हें कम किताबों में ही पढ़ाई करनी पड़ी रही है।
23 मई से सरकारी स्कूलों में हो सकती हैं छुट्टियां
शिक्षा विभाग में चर्चा है कि शायद 23 मई से बच्चों को गर्मी की छुट्टियां कर दी जाए। ऐसे में अब विद्यार्थी गर्मी की छुट्टियों में बिना किताबों के पढ़ाई करने के लिए मजबूर होंगे। दूसरी तरफ, अब शिक्षा विभाग को स्कूलों का समय बदलने के कारण किताबें पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, किताबें प्राप्त करने के बाद जानकारी देनी होगी कि कितनी किताबें पहुंची हैं। किस सब्जेक्ट की किताबें पहुंच पाई हैं। किताबें न होने के कारण विद्यार्थियों को पढ़ाई करवाने में अध्यापकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बच्चों तक किताबें पहुंचाने की प्रक्रिया तेज
जिला शिक्षा अधिकारी कुलविंदर सिंह सराय का कहना है कि काफी हद तक किताबों को बच्चों तक पहुंचा दिया गया है। सभी बच्चों को किताबें मिलने में थोड़ा समय लग सकता है। विभाग को इस बारे में लिखा जा चुका है। किताबें स्कूलों में बच्चों तक पहुंचाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। जैसे-जैसे किताबें आती हैं, हम उन किताबों को ब्लाक में पहुंचा रहे हैं। हमारी कोशिश है कि किताबों को जल्द से जल्द बच्चों तक पहुंचा दिया जाए।