वित्त मंत्री से इंडस्ट्री फ्रेंडली बजट की उद्यमियों को दरकार, जानें क्या है उम्मीदें
पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल 18 फरवरी को अगले वित्त वर्ष के लिए राज्य का सालाना बजट पेश करेंगे।
जागरण संवाददाता, लुधियाना: पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत ¨सह बादल 18 फरवरी को अगले वित्त वर्ष के लिए राज्य का सालाना बजट पेश करेंगे। लोकसभा चुनावों से ठीक पहले पेश होने वाले इस बजट से आम आदमी के साथ-साथ उद्योग व्यापार जगत को भी काफी उम्मीदे हैं। उद्यमियों का तर्क है कि सूबे के उद्योगों को मजबूत करने, नए निवेश को आकर्षित करने, औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, नए उद्योगों के लिए जमीन का इंतजाम करने के लिए बजट में फंड का अलग से प्रावधान किया जाए। साथ ही उद्योग व्यापार जगत से विधानसभा चुनावों से पहले किए वादों को पूरा किया जाए। निर्यात को प्रोत्साहित करने को तवज्जो दी जाए। साफ है कि ठोस उपायों के साथ ही सूबे की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी, रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
सरकार को फ्रेट इक्वलाइजेशन स्कीम देनी होगी :रल्हन
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्टर्स आर्गेनाइजेशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एससी रल्हन का कहना है कि तीन साल पहले सूबे से निर्यात करीब 36 हजार करोड़ का था, जोकि अब लगभग तीस हजार करोड़ रुपये पर सिमट गया है। उनका कहना है कि सूबे में इंजीनियfरग उद्योग के लिए कच्चा माल दूसरे प्रदेशों से आता है और तैयार माल भी पोर्ट तक जाता है। ऐसे में आठ से दस रुपये प्रति किलो भाड़े के चलते पंजाब में बना माल महंगा साबित हो रहा है। साफ है कि यहां के उद्यमी बाजार की चुनौतियों का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं। इसके लिए सूबा सरकार को फ्रेट इक्वलाइजेशन स्कीम देनी होगी। इससे यहां के निर्यातकों को भाड़े के मामले में लेवल प्लेइंग फील्ड मिल जाएगा। इसके लिए बजट में ही फंड के प्रावधान करने होंगे।
नए उद्यमियों को कोई सब्सिडी नहीं मिल रही
fजदल फेडरेशन ऑफ पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन्स के प्रेसिडेंट बदीश ¨जदल ने कहा कि सरकार उद्योगों को पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली देने का दावा कर रही है, लेकिन असल में छोटे यूनिट को बिजली नौ से दस रुपये प्रति यूनिट पड़ रही है। इस संबंध में सरकार बजट के दौरान स्टेट्स साफ करे। साथ ही बजट में उद्योगों को दी जाने वाली बजट सब्सिडी का प्रावधान किया जाए। फिलहाल कागजों में ही नई औद्योगिक नीति का जिक्र है।
रिफंड जारी करने के लिए अलग से बजट रखा जाए :अग्रवाल
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश सचिव महेंद्र अग्रवाल का कहना है कि जुलाई 2017 को सूबे में वैट की बजाए वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली लागू की गई थी। वैट को खत्म हुए करीब बीस माह का वक्त बीत चुका है, बावजूद इसके उद्योग एवं व्यापार जगत का करीब छह सौ करोड़ का वैट रिफंड बकाया है। बजट में रिफंड जारी करने के लिए अलग से बजट रखा जाए। केंद्र ने व्यापारियों के परिवारों के लिए पांच लाख रुपये तक के मेडिक्लेम का प्रावधान किया है। लेकिन पंजाब ने इसमें अपना हिस्सा नहीं दिया है और यह स्कीम प्रदेश में लागू नहीं है।
वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाएं :आहूजा
अपैक्स चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के सेक्रेटरी रजनीश आहूजा ने कहा कि सरकार किसानों के कर्ज माफ कर रही है। उनका कहना है कि सूबे में उद्यमियों के पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट कारपोरेशन के साथ वित्तीय विवाद हैं। कई सालों से ये सुलझ नहीं रहे हैं। बजट में सरकार पीएसआइईसी से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाए। इसमें सारे मामले बिना ब्याज के मूल धन की अदायगी कर निपटाने का प्रावधान हो।
औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर फोकस करना होगा:लाकड़ा
फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कॉमर्शियल ऑर्गेनाइजेशन में टेक्सटाइल डिवीजन के हैड अजीत लाकड़ा ने कहा कि बजट में औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर फोकस करना होगा। औद्योगिक क्षेत्रों एवं फोकल प्वाइंट में बिजली, पानी, सीवरेज, सड़क समेत बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। इसके लिए बजट में अलग से फंड का इंतजाम करना होगा। मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही उद्योग भी सुदृढ़ हो सकेंगे। इसके अलावा शहर में शीघ्र ही प्रदर्शनी केंद्र बनाने एवं सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बेहतर बनाने की भी जरूरत है।