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सरकार की लारवाही से सिमट रहा पीआरटीसी बसों का कुनबा

डीएल डॉन, लुधियाना लुधियाना बस डिपो में दिनों दिन बसें घटती जा रही हैं। बसों को निय

By Edited By: Published: Fri, 16 Dec 2016 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 16 Dec 2016 03:00 AM (IST)

डीएल डॉन, लुधियाना

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लुधियाना बस डिपो में दिनों दिन बसें घटती जा रही हैं। बसों को नियमित सर्विस न मिलने के कारण बसें जर्जर हो जाती हैं। इस जर्जर बसों को डिपो के स्टोर में जमा करवा दिया जाता है। दशक पूर्व लुधियाना बस डिपो में पीआरटीसी की 1075 बसें थी जो अब घटकर 802 हो गई हैं। आपको बता दें कि सरकार की लापरवाही के कारण एक दशक में 273 बसें कम हो गई और विभिन्न रूटों से पीआरटीसी की बसें हट गई जिससे यात्रियों को मुश्किलें आ रही हैं।

खटारा हैं अधिकतर बसें: पीआरटीसी की अधिकतर बसें खटारा हो चुकी हैं। नियमित सर्विस न मिलने और देखभाल कम होने से करीब 246 बसें कंडम हो चुकी हैं। इन जर्जर बसों को चलाने से खतरे का भी अंदेशा बना रहता है। उपरोक्त आरोप लगाते हुए पीआरटीसी पंजाब इटक के महासचिव सुरेश सूद ने कहा कि पीआरटीसी को जर्जर करने में बादल सरकार का हाथ है। सूद ने कहा कि पीआरटीसी को मुनाफे में पहुंचाने वाले एमडी मनजीत सिंह नारंग को सरकार ने साजिश के तहत यहा से ट्रांसफर कर दिया जिसके बाद से यहां की बसें कंडम होने लगी। जब तक नारंग यहां रहे, बसों की सही देखरेख होती रही। नारंग ने अपने 11 महीने के कार्यकाल के दौरान सरकार से निवेदन कर 250 नई बसें डिपो में डाली और पीआरटीसी को मजबूत किया। जिसमें वॉल्वो, एचबीएसी और किलोमीटर स्कीम की बसें चलाकर पीआरटीसी के बेड़े में बसों की संख्या को 1075 तक पहुंचाया।

कम हुआ बसों का राजस्व

एक दशक पूर्व पीआरटीसी के राजस्व में हर दिन बढ़ोतरी होती थी। प्रतिदिन 30 लाख की आमदन थी लेकिन आज के समय में 15 से 20 लाख की आमदन रह गई है। बसें कम होने से सरकारी राजस्व में भी कमी आयी है। बस डिपो में यूनियन नेताओं ने कहा कि सरकार की लापरवाही और कुछ अधिकारियों की नजरअंदाजी से बसें कम हो रही हैं। कर्मचारी रिटायर होने के बाद रिक्त हो रहे पदों पर भर्ती नहीं हो रही जिससे पीआरटीसी की स्थिति दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है।

डायरेक्टर बोले, काफी सुधार है

पंजाब राज्य ट्रांसपोर्ट विभाग के डायरेक्टर अश्वनी कुमार से जब पूछा गया कि सरकारी बसों की हालत दिनोंदिन खराब हो रही और पीआरटीसी घाटे में जा रही है तो उन्होंने कहा कि ऐसी बात नहीं है। बीच में कुछ गड़बड़ी हुई होगी लेकिन इस वक्त काफी सुधार है और आज के समय में पीआरटीसी के राजस्व में भी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बसों की देखरेख में तत्परता दिखाई है जिससे प्रदेश के ट्रांसपोर्ट में फंड दिए हैं।


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