टोल प्लाजा पर फिर बस ऑपरेटर माफिया की गुंडागर्दी, बिना टोल दिए निकलवा रहे गाड़ियां
करीब दो सप्ताह शांत रहने के बाद बस ऑपरेटर माफिया के लोग टोल प्लाजा पर फिर से सक्रिय हो गए हैं। जो पहले की तरह बिना टोल दिए निजी कंपनियों की बसों को निकलवा रहे हैं।
लुधियाना, [राजन कैंथ]। करीब दो सप्ताह शांत रहने के बाद बस ऑपरेटर माफिया के लोग टोल प्लाजा पर फिर से सक्रिय हो गए हैं। जो पहले की तरह बिना टोल दिए निजी कंपनियों की बसों को निकलवा रहे हैं। टोल कर्मियों एवं सुरक्षा गार्ड के विरोध करने पर उनको धमकाया जा रहा है। पुलिस इस मामले में मूकदर्शक बनी हुई है। दो सप्ताह पहले डीसीपी के निर्देश पर टोल प्लाजा पर पांच पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था।
बस आपरेटरों को बुला कर हिदायत दी गई थी कि वे बसों पर फास्टैग लगवाएं। कुछेक बस ऑपरेटरों ने उसका पालन भी किया, मगर कुछ दिन गुजरते ही स्थिति जस की तस हो गई है। वहां तैनात मुलाजिमों का कहना है कि उनके पास कार्रवाई करने की पॉवर नहीं है। टोल प्लाजा के सहायक सिक्योरिटी अफसर बलकार सिंह ने 19 फरवरी को पुलिस कमिश्नर को एक शिकायत दी थी। इसमें उन्होंने बताया था कि टोल प्लाजा पर 5 लोग माफिया के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्होंने अपने साथ 35-40 गुंडे रखे हुए हैं। वे लोग निजी कंपनी की बसों को बिना टोल दिए वहां निकालने का काम करते हैं। उसके बदले में वे बसों से महीना वसूलते हैं।
विरोध करने पर वे मारपीट, तोड़फोड़ कर नुकसान करने के अलावा उन्हें व उनके परिवार के लोगों को जान से मारने की धमकियां भी देते हैं। इससे पहले भी टोल प्लाजा की और से लगातार दो साल से पुलिस को उनके खिलाफ शिकायतें दी जा रही थीं। इस सबसे टोल प्लाजा को हर साल करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
डीसीपी ने बस ऑपरेटरों को ठहराया था गलत
25 फरवरी को डीसीपी अश्विनी कपूर और एडीसीपी गुरप्रीत पुरेवाल के नेतृत्व में टोल प्लाजा अधिकारियों और बस ऑपरेटरों के बीच एक बैठक हुई थी। इसमें दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद अधिकारियों ने निर्देश जारी किए कि बस ऑपरेटरों को दो मार्च तक अपनी बसों पर फास्टैग लगाना होगा। बिना फैस्टैग वाली बसों को टोल देकर निकलना होगा। वहां कानून और व्यवस्था बनाने के लिए 5 पुलिस कर्मियों को तैनात भी किया गया। इससे टोल प्लाजा का काम सामान्य ढंग से शुरू हो गया। मगर वीरवार फिर से बस ऑपरेटर माफिया ने वहां सक्रिय होकर मनमानी शुरू कर दी। टोल मैनेजर सीएस राठौर का आरोप है कि शिकायत के बावजूद पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। वहां तैनात पुलिस कर्मी भी मूकदर्शन बने हुए हैं। ऑपरेशन टोल प्लाजा निमेश तिवारी ने बताया कि मामले को लेकर शुक्रवार वो पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल से मिले हैं। उन्हें मामले के बारे में शिकायत देकर हालात से अवगत कराया है। उनसे मांग की गई है कि वो वहां सक्रिय माफिया के साथ सख्ती से निपटें ताकि सरकारी काम को सही ढंग से चलाया जा सके।
सीपी बोले, टीम भेज कार्रवाई करवाएंगे
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि वे मौके पर पुलिस अधिकारियों की टीम को भेज कर चेक कराएंगे। अगर वहां गुंडागर्दी और धक्केशाही जैसी बात सामने आएगी तो आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अगर वहां और मुलाजिमों की जरूरत होगी तो भेजे जाएंगे। किसी को कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। सरकारी काम में बाधा पहुंचाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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