लुधियाना में लाेगाें की 'गांधीगिरी' से पहले Powercom के शुरू करवा दिया लोड शिफ्ट का काम, जानें मामला
एनजीओ सदस्यों ने सोमवार को पावरकाम के चीफ इंजीनियर को प्रोजेक्टों में रूकावट बनने के लिए फूल देकर सम्मानित करने की योजना बनाई। एनजीओ गांधीगिरी करते इससे पहले ही पावरकाम के चीफ इंजीनियर ने रविवार को लोड शिफ्टिंग का काम शुरू करवा दिया।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। पावरकाम अफसरों की लेटलतीफी शहर के कई बड़े प्रोजेक्टों को रोककर बैठी है। प्रोजेक्टों पर काम करवाने वाली एजेंसियां कई बार पावरकाम अफसरों को पत्र लिख चुके हैं लेकिन वह टस में मस नहीं हो रहे और अपने हिसाब से काम करवाने पर अड़े रहे। अब शहर की स्वयंसेवी संस्थाओं ने मोर्चा संभाला और सोमवार को पावरकाम के चीफ इंजीनियर के खिलाफ गांधीगिरी करने का फैसला लिया।
एनजीओ सदस्यों ने सोमवार को पावरकाम के चीफ इंजीनियर को प्रोजेक्टों में रूकावट बनने के लिए फूल देकर सम्मानित करने की योजना बनाई। एनजीओ गांधीगिरी करते इससे पहले ही पावरकाम के चीफ इंजीनियर ने रविवार को लोड शिफ्टिंग का काम शुरू करवा दिया। देर शाम तक पावरकाम फिरोजपुर रोड की हाईटेंशन लाइन का लोड अंडर ग्राउंड तारों में शिफ्ट कर देगा और उसके बाद टावरों को कभी भी हटाया जा सकेगा।
फिरोजपुर रोड पर बन रही एलिवेटेड रोड के निर्माण में लंबे समय से हाईटेंशन तारें आड़े आ रही थी। जिसकी वजह से निर्माण कंपनियां काम नहीं कर पा रही थी। नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया पावरकाम को दो साल पहले नौ करोड़ रुपये जमा करवा चुकी है। लेकिन इसके बाद भी पावरकाम ने समय पर हाईटेंशन तारों को हटाने का काम शुरू नहीं किया। एनएचएआइ के अधिकारियों ने जब डिप्टी कमिश्नर के सामने यह मुद्दा उठाया तो पावर काम ने उसके बाद भी करीब छह महीने लगा दिए।
पावरकाम किस्तों में काम करता रहा। अब सिर्फ एक जगह तारों को जोड़ा जाना है इसके लिए पावरकाम शटडाउन नहीं ले रहा था। पिछला शटडाउन पावरकाम ने 20 दिन पहले लिया था। उसके बाद भी एनएचएआई के अफसर लगातार उन्हें लोड शिफ्ट करने को कहते रहे। लेकिन पावरकाम के अफसर टस में मस नहीं हुए और हड़ताल का बहाना बनाकर लोड शिफ्ट नहीं कर रहे थे। जब एनजीओ ने उन्हें सम्मानित करने का फैसला किया तो पावरकाम के चीफ इंजीनियर ने शटडाउन लेकर रविवार को काम शुरू करवाया।