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Power Crisis In Punjab: तलवंडी साबो प्लांट में बिजली उत्पादन में और आई गिरावट, दो यूनिट बंद

Power Crisis In Punjab प्लांट का एक यूनिट अप्रैल 2021 से ठप है वहीं पिछले दिनों खराब हुआ दूसरा यूनिट बुधवार को भी बिजली उत्पादन शुरू नहीं कर पाया। यह यूनिट ब्वायलर फटने के कारण बंद पड़ा है। वहीं इस प्लांट का एकमात्र तीसरा यूनिट चल रहा है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 12:51 PM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 12:51 PM (IST)
निजी थर्मल प्लांट तलवंडी साबो पावरकाॅम के लिए सिरदर्द बना। (सांकेतिक तस्वीर)

जागरण संवाददाता. पटियाला। Power Crisis In Punjab: राज्य में जारी बिजली संकट के बीच निजी थर्मल प्लांट तलवंडी साबो पावरकाॅम के लिए सिरदर्द बन गया है। इस प्लांट के दो यूनिट पहले से ही बंद हैं और अब तीसरा यूनिट भी आधी क्षमता पर ही काम कर रहा है। 1980 मेगावाट (660 मेगावाट प्रति यूनिट) बिजली उत्पादन की क्षमता रखने वाले इस प्लांट से पावरकाॅम को बिजली संकट के बीच केवल 329 मेगावाट बिजली ही उपलब्ध हो पा रही है।

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जहां इस प्लांट का एक यूनिट अप्रैल, 2021 से ठप है वहीं पिछले दिनों खराब हुआ दूसरा यूनिट बुधवार को भी बिजली उत्पादन शुरू नहीं कर पाया। यह यूनिट ब्वायलर फटने के कारण बंद पड़ा है। वहीं इस प्लांट का एकमात्र तीसरा यूनिट चल रहा है लेकिन वह भी महज 329 मेगावाट बिजली पैदा कर रहा है। इसी बीच पावरकाम के लिए राहत इस बात को लेकर रही कि स्टेट सेक्टर के रुपनगर और लहरा मोहब्बत के थर्मल प्लांट बेहतर ढंग से चल रहे हैं। इसके अलावा निजी क्षेत्र के राजपुरा और गोइंदवाल साहिब थर्मल प्लांट भी पूरी क्षमता पर बिजली की उत्पादन कर रहे हैं।

इंडस्ट्री पर लाजिमी अवकाश के कारण राज्य में बुधवार को बिजली की अधिकतम मांग करीब 12728 मेगावाट रिकार्ड की गई। पावरकाम को रूपनगर थर्मल प्लांट से 738 मेगावाट, लहरा मोहब्बत से 831, राजपुरा से 1319 व गोइंदवाल साहिब से 502 मेगावाट बिजली हासिल हुई। जबकि हाइड्रो प्रोजेक्टों में से रणजीत सागर डैम से 390 मेगावाट, अपर बारी दोआब कैनाल से 70, शानन हाइडल से 110, मुकेरियां हाइडल प्रोजेक्ट से 88, आनंदपुर साहिब एक व दो प्रोजेक्टों से 61-61 मेगावाट बिजली मिली।

रिहायशी क्षेत्र में लगे दो से तीन घंटे तक पावर कट

इंडस्ट्री पर अवकाश लागू होने के बावजूद पावरकाॅम के सामने अन्य क्षेत्रों को मांग के अनुसार सप्लाई देना मुश्किल हो रहा है। बुधवार को भी राज्य के विभिन्न शहरों में रिहायशी वर्ग को पावर कट का सामना करना पड़ा। हालांकि पावरकाम के अधिकारी तकनीकी फाल्ट को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार बिजली संकट अभी कम नहीं हुआ है। जिला तरनतारन में दिन के समय दो घंटे व रात को एक घंटा, गुरदासपुर में दो घंटे, पठानकोट के शहरी क्षेत्र में करीब ढाई घंटे, होशियारपुर के ग्रामीण क्षेत्र में दो से चार घंटे, फाजिल्का व बठिंडा के ग्रामीण क्षेत्र में दो-दो घंटे, कपूरथला में दो-दो घंटे, फतेहगढ़ के शहरी क्षेत्र में दो से तीन घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में तीन से पांच घंटे तक बिजली बंद रही।


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