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किसान आंदोलन के बीच सियासत, पंजाब में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल काे CM बनाने के समर्थन में लगे पाेस्टर

भाकियू राजेवाल के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल किसान आंदोलन में बड़ा चेहरा बनकर सामने आए हैं। राजेवाल ही वह शख्स हैं जो पूरी ताकत से आंदोलन को गैर सियासी और गैर धार्मिक बनाने की वकालत करते रहे हैं।

By Vipin KumarEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 04:21 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 10:05 PM (IST)
पंजाब के खन्ना में एक गली में लगा किसान नेता राजेवाल का पोस्टर। (जागरण)

खन्ना, (लुधियाना) [सचिन आनंद]। पंजाब से दिल्ली सीमा तक चल रहे किसान आंदोलन में सियासत हावी हाेती जा रही है। आंदाेलन को गैर सियासी बनाने की संयुक्त किसान मोर्चा की कोशिश नाकाम साबित हाे रही हैं। इसी तरह का एक वाक्या पंजाब के खन्ना में देखने को मिला है। यहां की गलियों और बाजारों में एक पोस्टर चर्चा का विषय बना है। इस पोस्टर पर पंजाबी में लिखा है कि की 'तुसी चाहूंदे हो अगला सीएम होवें बलबीर सिंह राजेवाल'? इसके साथ भाकियू के प्रमुख राजेवाल की फोटो लगी है। साथ ही नीचे जारीकर्ता के रूप में भी भारतीय किसान यूनियन का नाम लिखा है।

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गौरतलब है कि भाकियू राजेवाल के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल किसान आंदोलन में बड़ा चेहरा बनकर सामने आए हैं। राजेवाल ही वह शख्स हैं जो पूरी ताकत से आंदोलन को गैर सियासी और गैर धार्मिक बनाने की वकालत करते रहे हैं। लेकिन राजेवाल को सीएम कैंडिडेट बनाने वाले इन पोस्टरों के लगने से किसान यूनियन को धक्का लगा है। फिलहाल यह नहीं पता चल पा रहा है कि ये पोस्टर किसने लगाए हैं। हालांकि, पहले भी राजेवाल के राजनीति में आने के कयास लगते रहे हैं, लेकिन उन्होंने हमेशा ऐसी चर्चाओं को बेबुनियाद बताया है।

मालवा में रहा है राजेवाल का दबदबा

बलबीर सिंह राजेवाल खन्ना और समराला से संबंध रखते हैं। मालवा के इस क्षेत्र में राजेवाल का शुरू से ही दबदबा रहा है। लेकिन, किसान आंदोलन ने राजेवाल को पूरे पंजाब में मशहहूर कर दिया।

इन पोस्टरों से कोई लेना- देना नहीं है : भाकियू

भाकियू ने राजेवाल की तस्वीरों वाले यूनियन के नाम वाले इन पोस्टरों से कोई संबंध होने से साफ इंकार किया है। पार्टी के महासचिव ओंकार सिंह अगौल ने बताया कि इससे यूनियन का कोई लेना-देना नहीं है। राजेवाल और यूनियन का मकसद केवल इस आंदोलन को सफल बनाना है। वे तीन कृषि कानूनों, बिजली एक्ट और पराली एक्ट की रद करना चाहते हैं। राजनीति में राजेवाल की कोई रुचि नहीं है। उन्होंने कहा कि यह विरोधियों की साजिश हो सकती है, इसके साथ ही ये राजेवाल के किसी प्रशंसक का उनके प्रति प्यार भी हो सकता है।

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