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सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की खराब कारगुजारी ने रोकी शहर की राह

स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में इंदौर लगातार पांचवें साल भी टाप पर बना रहा जबकि लुधियायना शहर की रैंकिग इस साल पांच स्थान और खिसक गई। दस लाख से ज्यादा वाले शहरों में अमृतसर भी लुधियाना से आगे निकल गया। लुधियाना 34 वें से 39 वें स्थान पर पहुंचा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 07:07 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 07:07 PM (IST)
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की खराब कारगुजारी ने रोकी शहर की राह

राजेश भट्ट, लुधियाना : स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में इंदौर लगातार पांचवें साल भी टाप पर बना रहा, जबकि लुधियायना शहर की रैंकिग इस साल पांच स्थान और खिसक गई। दस लाख से ज्यादा वाले शहरों में अमृतसर भी लुधियाना से आगे निकल गया। लुधियाना 34 वें से 39 वें स्थान पर पहुंचा है। लुधियाना के फिसड्डी रहने में सबसे बड़ा हाथ शहर के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों की कारगुजारी का है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों के सही से काम न करने पर लुधियाना को ओडीएफ टू प्लस स्टेटस नहीं मिल सका। इसकी वजह से इस कैटेगरी में लुधियाना को 1800 में से सिर्फ 300 ही अंक मिल सके। अगर इस कैटेगरी में लुधियाना को 500 अंक भी मिल जाते तो लुधियाना की रैंकिग 32 होती।

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इंदौर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों का पानी नदियों में नहीं गिरता है। इस पानी को खेतीबाड़ी व निर्माण कार्यों में प्रयोग किया जाता है। लुधियाना में सीवरेज के पानी को साफ करने के लिए पांच ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए हैं, लेकिन ये सही तरीके से काम नहीं कर रहे हैं। एक प्लांट तो दो साल से पूरी तरह बंद है, जबकि बाकी आंशिक तौर पर काम कर रहे हैं। इसकी वजह से सीवरेज का पानी बिना ट्रीट हुए बुड्ढा दरिया के जरिए सतलुज में जा रहा है।

लुधियाना में नगर निगम ने 466 एमएलडी क्षमता के पांच सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तीन जगहों पर लगाए गए हैं। जमालपुर में लगा 48 एमलडी का प्लांट दो साल से खराब है और यहां पर आने वाले सीवरेज का पानी बिना ट्रीट किए सीधे बुड्ढा दरिया में गिराया जा रहा है। यहां पर करीब 125 एमएलडी सीवरेज के पानी का फ्लो है। इसके अलावा भट्टियां में 161 एमएलडी पानी का फ्लो है और यहां पर 50 व 111 एमएलडी के दो एसटीपी लगे हैं। यहां भी एक एसटीपी की गुणवत्ता ठीक नहीं है। यहां से पूरा पानी सीधे सतलुज में छोड़ा जा रहा है। इसके अलावा बल्लोके में पानी का फ्लो 226 एमएलडी है और यहां क्षमता से ज्यादा 257 एमलडी के दो एसटीपी लगे हैं। यहां लगे दोनों एसटीपी भी सही तरीके से काम नहीं कर रहे हैं। यहां का पानी भी बुड्ढा दरिया में छोड़ा जा रहा है। कुछ जगह पर सीधे दरिया में गिरा रहा सीवरेज का पानी

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के अलावा सीवरेज का पानी कई जगहों पर सीधे बुड्ढा दरिया में गिराया जा रहा है। इसकी वजह से दरिया गंदा हो रहा है। निगम खुद ही डिस्पोजलों के जरिए दरिया में सीवरेज का पानी गिरा रहा है। इन्हीं क्रियाकलापों के कारण स्वच्छता रैंकिग में पिछड़े हैं। दिसंबर 2022 में बनकर तैयार होंगे नए एसटीपी

पंजाब सरकार ने बुड्ढा दरिया कायाकल्प प्रोजेक्ट को शुरू किया है। इसके तहत जमालपुर में 225 एमएलडी का एसटीपी व बल्लोके में 60 एमएलडी का नया एसटीपी बन रहा है। जबकि पुराने एसटीपी को रिपेयर किया जा रहा है। यह पूरा काम दिसंबर 2022 तक ही पूरा हो सकेगा। इससे साफ है कि ओडीएफ स्टेटस में इस साल भी कोई ज्यादा सुधार नहीं हो सकेगा। ::::::::

जगह सीवरेज के पानी फ्लो एसटीपी की क्षमता

जमालपुर 133 एमएलडी 48 एमएलडी

भट्टियां 161 एमएलडी 50 व 111 एमएलडी के दो

बल्लोके में 226 एमएलडी 105 व 152 एमएलडी के दो

एसटीपी की कुल क्षमता 466 एमएलडी

एसटीपी में कुल फ्लो 520 मएलडी

दरिया में गिर रहा सीवरेज का कुल पानी 703 एमएलडी


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