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लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर वरिंदर शर्मा के तबादले की चर्चाओं पर हो रही जमकर राजनीति, जानिए क्या है पूरा मामला

लुधियाना भाजपा व आप नेताओं ने कांग्रेस के मंत्री व विधायकों पर आरोप लगाए कि उन्होंने मुख्यमंत्री पर दबाव बनाकर डीसी के तबादले के लिए चुनाव आयोग को लिखने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने भी चुनाव आयोग को ट्रांसफर के लिए सिफारिश की लेकिन चुनाव आयोग ने नकार दिया।

By Vinay KumarEdited By: Published: Wed, 17 Nov 2021 10:54 AM (IST)Updated: Wed, 17 Nov 2021 10:54 AM (IST)
लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर वरिंदर शर्मा के तबादले की चर्चाओं पर हो रही जमकर राजनीति, जानिए क्या है पूरा मामला
लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर वरिंदर शर्मा के तबादले की चर्चाओं पर राजनीति हो रही है।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की 3.79 एकड़ जमीन औने पौने दामों पर बेचे जाने के बाद डिप्टी कमिश्नर वरिंदर शर्मा ने साफ कर दिया था कि इस जमीन के रेट उनकी अध्यक्षता वाली रेट फिक्सेशन कमेटी ने तय नहीं किए। डीसी की रिपोर्ट के बाद पंजाब सरकार ने इस जमीन के सौदे को रद कर दिया। इसके अलावा रानी झांसी रोड पर बने कांप्लेक्स को भी औने पौने दामों पर बेचने की तैयारी की जा रही थी। लेकिन डीसी ने इसके रेट भी कम करने से इंकार कर दिया। लुधियाना इंप्रवूमेंट ट्रस्ट की जमीनों को औने पौने दामों पर बेचे जाने पर जमकर राजनीति हुई और विपक्षी दलों ने इसमें कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु की संलिप्तता बताई। उसके बाद से ही डिप्टी कमिश्नर के तबादले की चर्चाएं चलने लगी। यहां तक लुधियाना में उनकी जगह एसटीसी डा अमरपाल को डीसी लगाने की बात भी चर्चा में आई।

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भारतीय जनता पार्टी व आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कांग्रेस के मंत्री व विधायकों पर आरोप लगाए कि उन्होंने मुख्यमंत्री पर दबाव बनाकर डीसी के तबादले के लिए चुनाव आयोग को लिखने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने भी चुनाव आयोग को डीसी वरिंदर शर्मा के ट्रांसफर के लिए सिफारिश की लेकिन अब चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री की सिफारिश को नकार दिया। भाजपा और आप नेताओं ने इसे अपनी जीत बताया और कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में इमानदार अफसरों को काम करने नहीं दिया जा रहा। बल्कि ऐसे अफसरों पर गलत काम करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। अफसर जो नेताओं के दबाव में काम नहीं कर रहे हैं उन्हें ट्रांसफर का डर दिखाया जा रहा है।

दरअसल मंगलवार को पंजाब सरकार ने छह आइएएस अफसरों के तबादले किए। लिस्ट जारी होने से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि इस ट्रांसफर लिस्ट में डीसी वरिंदर शर्मा का नाम भी होगा। लेकिन जब दोपहर बाद लिस्ट सार्वजनिक हुई तो उसमें डीसी वरिंदर शर्मा का नाम नहीं था।मंगलवार देर रात आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग द्वारा डीसी का ट्रांसफर करने की सिफारिश रद करने के फैसले पर खुशी जाहिर की। अब साफ है कि भाजपा और आम आदमी पार्टी इसे चुनाव में मुद्दा बनाने की तैयारी में जुट गए हैं। आप के प्रदेश प्रवक्ता अहबाब ग्रेवाल ने कहा कि इमानदार अफसरों को डराया जा रहा है। यह पहला मौका नहीं है इससे पहले भी अफसरों को किस तरह धमकाया गया है यह सब सार्वजनिक हो चुका है।


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