'मैं गुरदीप हूं, मेरे साथ ऑनलाइन दस हजार की ठगी हुई, इसलिए आप भी रहें सावधान' Ludhiana News
लुधियाना पुलिस ने साइबर क्राइम से बचने के लिए पुलिस ने उन लोगों की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालनी शुरू की है जिनके साथ ऑनलाइन ठगी हो चुकी है।
लुधियाना [दिलबाग दानिश]। ऑनलाइन ठगी से लोगों को बचाने के लिए पुलिस ने सोशल मीडिया को अपना हथियार बनाया है। एक नया तरीका अपनाते हुए पुलिस ने उन लोगों की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालनी शुरू की है जिनके साथ ऑनलाइन ठगी हो चुकी है। ऐसी ही एक वीडियो पुलिस ने ठगी का शिकार हुए गुरदीप सिंह निवासी न्यू जनता नगर की लुधियाना पुलिस फेसबुक पेज पर पोस्ट की है।
इस वीडियो में गुरदीप सिंह कहते दिख रहे हैं कि उनके साथ एक्टिवा की खरीद-फरोख्त को लेकर ऑनलाइन दस हजार रुपये की ठगी हुई है। आप भी सावधान रहें। पुलिस के इस जागरूकता अभियान के साथ कई लोग जुड़ चुके हैं। पुलिस द्वारा जागरूकता के लिए अपनाए गए इस नए तरीके को अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। अब तक पुलिस ने वीडियो बनाकर फेसबुक समेत कई अन्य सोशल साइट्स पर डाली हैं। लोग पुलिस की इन पोस्टों को आगे खूब शेयर भी कर रहे हैं। इन वीडियो में बताया जा रहा है कि डिजिटल फ्रॉड से कैसे बचा जाए। पुलिस का मकसद यही है कि लोग ज्यादा से ज्यादा जागरूक हों और धोखाधड़ी से बच सकें।
लोगों ने किया कमेंट, गुड इनिशिएटिव
लुधियाना पुलिस के इस अभियान को सोशल मीडिया पर काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। पुलिस द्वारा डाली जा रही वीडियो को लोग खूब लाइक, कमेंट और शेयर कर रहे हैं। ऐसी ही एक वीडियो के कमेंट बॉक्स में फेसबुक यूजर ने पुलिस के काम की सराहना करते हुए लिखा- गुड इनिशिएटिव। वहीं, एक यूजर ने लिखा कि हर नागरिक के जागरूक होने पर ऐसे मामले रुक सकेंगे। शहर में बढ़ रहा साइबर क्राइम शहर में हर दूसरे दिन कोई न कोई व्यक्ति किसी न किसी माध्यम से डिजीटल ठगी का शिकार हो रहा है। किसी को एटीएम बदलकर, तो किसी से एटीएम की गोपनीय जानकारी फोन पर मांग कर ठगी कर ली जाती है। वहीं, इ-कॉमर्स के नाम पर साइबर दुनिया के अपराधी लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं।
साइबर क्राइम सुलझाना मुश्किल
साइबर क्राइम के केस सुलझाने में पुलिस को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। अधिकतर मामले सुलझ ही नहीं पाते हैं। पुलिस का भी मानना है कि ऐसे मामलों में आरोपितों द्वारा अधिकतर फर्जी आइडी आदि का इस्तेमाल किया जाता है जिसके कारण उनकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है। वहीं, अधिकतर साइबर क्राइम के मामलों में दूसरे राज्यों के लोगों को निशाना बनाया जाता है ताकि स्थानीय पुलिस की पहुंच से दूर रहा जा सके। पुलिस का साइबर सेल कई मामलों में सालों तक आरोपित की पहचान भी नहीं कर पाता है।
ऑफलाइन भी पुलिस एक्टिव, लगाए बूथ
सिर्फ ऑनलाइन ही नहीं बल्कि लुधियाना पुलिस अब डिजिटल फ्रॉड के खिलाफ ऑफलाइन भी एक्टिव हो गई है। ऑनलाइन जहां सोशल मीडिया साइट्स पर अभियान चल रहा है तो वहीं ऑफलाइन स्तर पर पुलिस द्वारा जगह-जगह बूथ लगाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। अलग-अलग जगहों पर चल रहे फेस्टिवल मेलों में बाकायदा बूथ लगाए जा रहे हैं। दरेसी ग्राउंड में पक्का बूथ लगाया गया है। इसमें लोगों को सांझ केंद्र से संबंधित जानकारी देने के साथ-साथ डिजिटल फ्रॉड से बचाने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है और पंफलेट भी बांटे जा रहे हैं।
जागरूकता बहुत जरूरी: सीपी
साइबर क्राइम के खिलाफ लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है। ठग फर्जी शिनाख्त कार्ड और एड्रेस इस्तेमाल करते हैं। जिस कारण उन्हें तलाश करना काफी मुश्किल होता है। कई आरोपित महाराष्ट्र, बेंगलुरु आदि में बैठे ही ठगी करते हैं। लोगों के जागरूक होने पर ऐसे मामले कम होंगे और पुलिस का काम भी आसान होगा।
- राकेश अग्रवाल, कमिश्नर ऑफ पुलिस।