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गुरु नानक स्टेडियम से मायूस लौट रहे श्रमिक

कोरोना के कारण काम ना मिलने से प्रवासी अपने घर लौटने में लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 03:05 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 03:05 AM (IST)
गुरु नानक स्टेडियम से मायूस लौट रहे श्रमिक
गुरु नानक स्टेडियम से मायूस लौट रहे श्रमिक

अर्शदीप समर, लुधियाना : कोरोना के कारण काम ना मिलने से प्रवासी अपने घर लौटने में लगे हुए हैं। प्रशासन श्रमिकों के लिए ट्रेन की टिकट के लिए ऑनलाइन बुकिंग करता है। जिन लोगों की ऑनलाइन बुकिंग हो जाती है उन्हें प्रशासन पहले घर से गुरु नानक स्टेडियम लेकर आता है। उसके बाद उन्हें रेलवे स्टेशन पर छोड़ा जाता है। इसके बाद वह ट्रेन से अपने-अपने घरों को लौटते हैं। ऐसे में कई लोगों को ऑनलाइन बुकिंग के बारे में पता ही नहीं होता है। उन्हें लगता है कि अगर गुरु नानक स्टेडियम पहुंच गए तो ट्रेन की टिकट मिल जाएगी और वह अपने घर लौट पाएंगे। इसी आस में कई प्रवासी रोजाना स्टेडियम के बाहर पहुंच जाते हैं और बाहर तैनात मुलाजिमों से कहते हैं कि उन्हें ट्रेन पर बिठा दें। मगर उन्हें बाद में पता चलता है कि यहा सिर्फ उन लोगों को ही लाया जाता है, जिनकी ऑनलाइन बुकिंग होती है। शादी पर नहीं आएगा जीजा

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कोरोना को लेकर सभी राज्यों ने दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों पर पूरी नजर रखी हुई है। जिन राज्यों में कोरोना अधिक फैला हुआ है, उन लोगों को दूसरे राज्यों में तुरंत क्वारंटाइन कर लिया जाता है। दिल्ली में रहने वाले राहुल को लुधियाना में रहने वाले इकलौते साले की शादी का बहुत चाव था। अक्सर जीजा राहुल के परिवार से कहा करता था कि जब उसके साले कर्ण की शादी होगी तो वह बहुत धमाल मचाएगा। कर्ण की फरवरी में मंगनी हो गई और शादी की तारीख जून 28 पड़ी, लेकिन इसी दौरान कोरोना वायरस की बीमारी आ गई और पूरे देश में लॉकडाउन हो गया। अब शादी की तारीख नजदीक है और जीजा को डर है कि अगर वह परिवार समेत दिल्ली से शादी में शामिल होने आएगा तो उसे पंजाब में क्वारंटाइन कर दिया जाएगा। इस डर से उसने शादी में आने से ही मना कर दिया। पति बोला ससुराल नहीं आना

इस्लामगंज इलाके में लगातार कोरोना के मरीज बढ़ने से इलाके को कंटेंनमेंट जोन में बदल दिया है। इस्लामगंज के अंदर और बाहर कोई नहीं आ जा सकता। इसी बीच एक व्यक्ति की पत्‍‌नी अपने मायके इस्लामगंज रहने के लिए आई थी। जैसे ही इस्लामगंज को प्रशासन ने कंटेंनमेंट जोन घोषित किया तो पत्‍‌नी ने तुरंत पति को फोन कर बोला कि वह उसे मायके से लेने के लिए आ जाए। सुंदरनगर इलाके में रहने वाले उसके पति ने तुरंत ससुराल आने से मना कर दिया। उसने अपनी पत्‍‌नी से कहा कि वह खुद ही इस्लामगंज से बाहर निकल कर आ जाए। वह उसे फील्डगंज से ले लेगा। जिसके बाद पत्‍‌नी बुरी तरह से नाराज हो गई। पत्‍‌नी ने दो दिन तक पति का फोन नहीं उठाया। उसके बाद पति ने ससुरालियों से बातचीत कर समझाया कि वह कंटेंनमेंट जोन में नहीं आ सकता जिसके बाद पत्‍‌नी शात हुई। दो बार हो गया क्वारंटाइन

कोविड-19 की वजह से पूरे देश में दहशत का माहौल पैदा हो गया। कुछ प्रवासी लोग घर लौटना शुरू हो गए। इस दौरान उत्तर प्रदेश स्थित सहारनपुर में रहने वाले प्रदीप कुमार काफी घबरा गए और कामकाज छोड़कर घर वापस लौट गए। घर पहुंचते ही उत्तर प्रदेश सरकार को पता चला कि प्रदीप नामक एक व्यक्ति पंजाब से आया है, जिसके बाद उत्तर प्रदेश की सेहत विभाग की टीम उसके घर पहुंच गई। उसे क्वारंटाइन कर दिया। क्वारंटाइन पीरियड पार होने के एक महीने बाद प्रदीप को लगा कि उसने घर वापस आकर काफी गलती कर ली है और उसका रोजगार का काफी नुकसान कर लिया है। इसके बाद वह दोबारा पास बनवाकर लुधियाना आ गया। जैसे ही वह लुधियाना पहुंचा तो सेहत विभाग की टीम को पता चला कि प्रदीप दूसरे राज्य से आया है। उसके बाद सेहत विभाग की टीम ने घर पहुंचकर उसे क्वारंटाइन कर दिया।


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