Move to Jagran APP

प्रिंसिपल ने विदेश भेजने के नाम पर ठगे सात लाख, अब पुलिस पड़ी पीछे

खन्ना के सबसे बड़े सरकारी कन्या सीनियर स्कूल के प्रिंसिपल प्रदीप कुमार रौणी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। उन पर विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपये ठगने का आरोप है। पुलिस ने शिकायतकर्ता बलवीर सिंह पुत्र गुरदयाल सिंह निवासी मालेरकोटला रोड खन्ना की शिकायत पर प्रिंसिपल प्रदीप निवासी कुंद्रा स्ट्रीट सामने स्प्रिंग डेल पब्लिक स्कूल खन्ना के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।

By Edited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 08:45 AM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 10:31 AM (IST)
प्रिंसिपल ने विदेश भेजने के नाम पर ठगे सात लाख, अब पुलिस पड़ी पीछे
प्रिंसिपल ने विदेश भेजने के नाम पर ठगे सात लाख, अब पुलिस पड़ी पीछे

जागरण संवाददाता, खन्ना : खन्ना के सबसे बड़े सरकारी कन्या सीनियर स्कूल के प्रिंसिपल प्रदीप कुमार रौणी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। उन पर विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपये ठगने का आरोप है। पुलिस ने शिकायतकर्ता बलवीर सिंह पुत्र गुरदयाल सिंह निवासी मालेरकोटला रोड खन्ना की शिकायत पर प्रिंसिपल प्रदीप निवासी कुंद्रा स्ट्रीट सामने स्प्रिंग डेल पब्लिक स्कूल खन्ना के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।

loksabha election banner

शिकायतकर्ता बलवीर के अनुसार उन्होंने प्रिंसिपल प्रदीप रौणी को अपनी बेटी हरप्रीत कौर और दामाद हरदीप सिंह को कनाडा भेजने के लिए अगस्त 2015 में संपर्क किया था। उन्हें प्रदीप ने बताया था कि वह विदेश भेजने का कारोबार करता है। आरोपित ने दोनों को कनाडा भेजने की एवज में 12 लाख रुपये मागे। इस पर वह राजी हो गए। 24 अगस्त 2015 को वह उसके घर पर मिलने गया। उसने कहा कि 12 लाख रुपये मिलने पर ही वह उसकी बेटी और दामाद को पक्के तौर पर कनाडा भेजेगा। आरोपित ने इस दौरान पैसों का जल्द से जल्द इंतजाम करने को कहा। बलवीर के अनुसार, आरोपित के कहने पर 25 अगस्त को 2 लाख रुपये, बेटी और दामाद के पासपोर्ट व अन्य कागजात उसे स्कूल के पास दे दिए। 2 सितंबर 2015 को आरोपित उनके घर आया और डेढ़ लाख रुपये और उसे दिए। फिर आरोपित ने उससे साढ़े 4 लाख रुपये मागे और कहा कि उसने कनाडा से कागजात मंगवाने हैं। 12 जनवरी 2016 को उसे यह रकम उसके घर जाकर दी। 16 फरवरी 2016 को ढाई लाख रुपये फिर प्रिंसिपल के घर जाकर दिए।

इसी बीच 27 मई 2016 को फिर से आरोपित प्रिंसिपल प्रदीप ने दबाव बनाते हुए डेढ़ लाख रुपये मागने के साथ-साथ असली पासपोर्ट मागा। इंटरव्यू की कॉल नहीं आई तो हुआ शक शिकायतकर्ता बलवीर के अनुसार आरोपित ने उससे कुल 12 लाख रुपये ले लिए और साथ ही दोनों के पासपोर्ट भी साथ ले गया। काफी समय निकल गया। इंटरव्यू की कोई कॉल नहीं आई। उन्हें कुछ संदेह होने लगा। इस पर उन्होंने प्रिंसिपल से पूछा तो आरोपित ने झूठे उन्हें आश्वासन देने शुरू कर दिए और टालमटोल करता रहा। आखिर शिकायतकर्ता ने इस मामले की शिकायत पुलिस से की।

रकम के लिए पंचायती इकट्ठ किया तो कुछ राशि लौटाई मामले को सुलझाने के मकसद से शिकायतकर्ता ने कई बार पंचायती इकट्ठ भी किए। इसमें आरोपित ने ली रकम को किश्तों में वापस करने का समझौता करते हुए 3 मार्च 2017 को 2 लाख रुपये, 17 मार्च 2017 को 1 लाख रुपये, 26 अप्रैल 2017 को 50 हजार रुपये, 5 जून 2017 को 1 लाख रुपये, 17 अगस्त 2017 को 50 हजार रुपये चेकों द्वारा ऑनलाइन बैंक के माध्यम से अदा किए। हालांकि बाकी की 7 लाख रकम देने में टालमटोल करता रहा। सिक्योरिटी के तौर पर रखे चेकों को वह वापस लेता रहा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.