ड्रंक एंड ड्राइव : आठ दिन बाद काबू आता एक शराबी चालक
अगर ट्रैफिक पुलिस की रिपोर्ट पर यकीन किया जाए तो लुधियानवियों ने शराब पीकर गाड़ी चलाना छोड़ दिया है।
राजन कैंथ, लुधियाना : अगर ट्रैफिक पुलिस की रिपोर्ट पर यकीन किया जाए तो लुधियानवियों ने शराब पीकर गाड़ी चलाना छोड़ दिया है। यही कारण है कि एक जनवरी से 31 अगस्त तक 243 दिनों के दौरान ट्रैफिक पुलिस ने ड्रंक एंड ड्राइव मुहिम के अंर्तगत केवल 28 लोगों के चालान काटे। जिसकी एवरेज निकाली जाए तो औसतन साढ़े आठ दिनों बाद पुलिस को केवल एक वाहन चालक शराबी हालत में मिला।
आपको यह बात हास्यास्पद लग रही होगी। मगर यह ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही से भरी कहानी है। एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग के डिप्टी कमिश्नर पवन गर्ग के अनुसार लुधियाना में हर साल 650 करोड़ की शराब बिक जाती है। जिसकी औसत निकाली जाए तो लुधियानवी हर महीने 54.17 करोड़ तथा हर रोज 1.78 करोड़ की शराब गटक जाते हैं। उनमें 30 से 40 फीसद लोग ही अपने घरों में बैठ कर शराब पीते हैं। बाकी बचे लोग बाहर से शराब पीकर ही घर जाते हैं। शाम होते ही शहर के सभी बड़े क्लब, होटल, बीयर बार और अहातों में शराब पीने वालों का मेला लगा रहता है। शराब पीने के बाद वो अपने वाहनों से ही घरों को जाते हैं। मगर देर शाम जब वह घरों को रवाना होते हैं, उस समय ट्रैफिक पुलिस सड़कों से गायब हो चुकी होती है। शो पीस बने ट्रैफिक पुलिस के पास रखे 74 ऐल्को मीटर
बता दें कि कमिश्नरेट के अंर्तगत पुलिस के पास कुल 74 ऐल्को मीटर हैं। जिनमें से 28 मीटर पुलिस थानों में हैं। बाकी के बचे 46 मीटर ट्रैफिक पुलिस के पास हैं, जिनमें से 20 खराब हैं, जबकि 26 चालू हालत में हैं। मगर हैरत की बात है कि इतने संसाधन होने के बाद भी पुलिस उन्हें इस्तेमाल करने से परहेज करती है। यही कारण है कि रात के समय शराब के नशे में वाहन चलाने वाले अकसर सड़क हादसों का कारण बन रहे हैं। जिनमें घायल होने के साथ कई बार लोगों की जानें भी चली जाती हैं। पुलिस एल्को मीटर का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही है, और रात के समय शराब के नशे में वाहन चलाने वाले चालकों के चालान इतने कम क्यों हैं। मै इसकी जांच कराउंगा। भविष्य में ड्रंक एंड ड्राइव के खिलाफ लगातार मुहिम चलाई जाएगी।
डा. सुखचैन सिंह गिल, कमिश्नर पुलिस