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बहिबल कलां गोलीकांड मामले में बादल पिता-पुत्र के खिलाफ दायर याचिका खारिज

बहिबलकलां गोलीकांड मामले में पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल व पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल के खिलाफ दायर फौजदारी शिकायत को स्थानीय अदालत ने खारिज कर दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 12:57 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 12:59 PM (IST)
बहिबल कलां गोलीकांड मामले में बादल पिता-पुत्र के खिलाफ दायर याचिका खारिज
बहिबल कलां गोलीकांड मामले में बादल पिता-पुत्र के खिलाफ दायर याचिका खारिज

जेएनएन, लुधियाना। बहिबलकलां गोलीकांड मामले में पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल व पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल के खिलाफ दायर फौजदारी शिकायत को स्थानीय अदालत ने खारिज कर दिया है। ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट सुमित सभ्रवाल की अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता के अनुमानों व लोगों से सुनी सुनाई बातों के आधार पर आरोपितों को फौजदारी मामले में समन नहीं किया जा सकता। न तो शिकायतकर्ता खुद मौका-ए-वारदात पर था और न ही उसने ऐसा कोई गवाह या सबूत पेश किया जिससे बादल पिता-पुत्र की संलिप्तता का पता चलता हो।

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दोनों के खिलाफ गुरदेव नगर निवासी जगदीप सिंह गिल ने फौजदारी की धाराओं 304, 307, 295 व 34 आइपीसी के तहत अदालत में शिकायत दायर की थी। शिकायतकर्ता ने अपनी गवाही व दो अन्य गवाहों जगदीश चंद व फिरोज की गवाही कलमबद्ध करवाते हुए बादल पिता-पुत्र को बहिबल कलां गोलीकांड में अदालत में तलब करने का आग्रह किया था। उसने आरोप लगाया था कि साल 2006 से 2016 तक प्रकाश सिंह बादल मुख्यमंत्री रहे, जबकि सुखबीर सिंह बादल उपमुख्यमंत्री थे।

10 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के रोष स्वरूप जब सिख संगत शांतिपूर्वक ढंग से रोष जाहिर कर रही थी तो बड़े स्तर पर पुलिस फोर्स वहां आ पहुंची। उन्होंने सिख संगत को रास्ता खाली करने का निर्देश दिया, लेकिन जब संगत ने उनकी बात नहीं मानी तो पुलिस ने वहां मौजूद सिख संगत पर लाठीचार्ज व फायरिंग कर दी। दो सिख नौजवान मारे गए और कुछेक को चोटें लगीं। उनके अनुसार घटना स्थल पर कुछ और भी लोग मारे गए थे, लेकिन जो रिकॉर्ड में नहीं आया।

उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों बादलों के निर्देशों पर ही 14 अक्टूबर को सिख संगत पर गोली चलाने के निर्देश दिये गए थे। उन्होंने अदालत से दोनों बादलों को उपरोक्त फौजदारी धाराओं के तहत तलब करके केस चलाने की मांग की थी। परंतु सुमित सभ्रवाल की अदालत में शिकायतकर्ता उपरोक्त दोनों बादलों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को प्रथम दृष्टया भी साबित करने में असफल रहा, जिसके चलते अदालत ने उसकी शिकायत को खारिज कर दिया।

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