मैदान की मिट्टी, कोच के दमखम गुस्से ने दिलाया मुकाम
लुधियाना : इस मैदान ने मुझे हीरो बनाया है, इसका मैं तह दिल से शुक्र गुजार हूं, आज यहा आकर मिट्टी की खुशबू, खिलाड़ियों की चहल-पहल, कोच का दमखम गुस्सा, इस सबने मुझे आज जो मुकाम दिलाया, इसको आगे भी बरकरार रखूंगा।
कृष्ण गोपाल, लुधियाना
इस मैदान ने मुझे हीरो बनाया है, इसका मैं तह दिल से शुक्र गुजार हूं, आज यहा आकर मिट्टी की खुशबू, खिलाड़ियों की चहल-पहल, कोच का दमखम गुस्सा, इस सबने मुझे आज जो मुकाम दिलाया, इसको आगे भी बरकरार रखूंगा। इसके लिए मैं अपनेकोच द्रोणाचार्य अवार्डी सुखदेव सिंह पन्नू, साई इंचार्ज हरबंस सिंह व मेरे माता-पिता को श्रेय देता हूं। यह बातें शुक्रवार को एशियन गोल्ड मेडलिस्ट ट्रिपल जंपर अरपिंदर ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में कहीं। बता दें कि अरपिंदर ने 48 वर्ष बाद महेंद्र सिंह ग्रेवाल के 16.79 नेशनल रिकॉर्ड को 17.17 जंप लगाकर तोड़ा व देश को गोल्ड दिलाया। वर्ल्ड चैंपियनशिप व ओलंपिक पर निगाहें
अरपिंदर ने कहा कि इस मुकाम के लिए काफी मेहनत की है, देर हुई है, मेहनत रंग लाई। आगामी दिनों में वह वर्ल्ड चैंपियनशिप व ओलंपिक की तैयारियों पर जुट जाएगा। उम्मीद करता हूं कि देश को मेडल दिलाऊंगा। गुरु नानक स्टेडियम में अरपिंदर का भव्य स्वागत
जैसे ही शाम 4.40 बजे एशियन गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट अरपिंदर गुरु नानक स्टेडियम पहुंचे, वहां पर ढोल नगाड़ों व खिलाड़ियों, प्रशंसकों, उसके साथियों एवं कोचों व अधिकारियों की तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया गया। स्टेडियम की शुरुआत से लेकर काफ्रेंस हाल तक पूरे मैट के बीच साई इंचार्ज हरबंस सिंह, तेजा सिंह धालीवाल, कोच सुखदेव सिंह पन्नू, बलकार सिंह बराड़, कोच संजीव शर्मा, जसविंदर सिंह आदि ने उसका स्वागत कर बधाई दी। साई इंचार्ज हरबंस सिंह कहना था कि वर्ष 2009 से 17 तक साई सेंटर में ट्रेनिंग करने वाले अरपिंदर ने राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश को कई मेडल दिलाए हैं। कोटस ---
जितनी मेहनत इस खिलाड़ी ने की है, शायद बहुत कम खिलाड़ी होते हैं कि पूरे दिन, पूरी मेहनत व लगन से गेम में रम जाए। उसकी इस मेहनत की वजह से आज इसने सेंटर का ही नहीं, बल्कि देश का गौरव बढ़ाया है।
-हरबंस सिंह, साई इंचार्ज लुधियाना
--------- मुझे देश के लिए इस खिलाड़ी से काफी उम्मीदें थी, जिसका फल इसने मुझे 9 वर्ष के अंतराल बाद दिया। मुझे गर्व है कि मेरे ट्रेनी ने कॉमनवेल्थ, एशियन में देश को पदक दिलाया और मेरा गौरव बढ़ाया।
-सुखदेव सिंह पन्नू, कोच
इस एथलीट ने पूरे पंजाब का ही नहीं, बल्कि देश के एथलीटों का सम्मान बढ़ाया है। 48 वर्ष बाद मेरे ही मित्र महेंद्र का रिकॉर्ड तोड़ने वाले अरपिंदर का प्रदर्शन काबिलेतारीफ है। इससे युवाओं को प्रेरणा मिलेगी।
-तेजा सिंह धालीवाल, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट बास्केटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया।