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धरने पर बैठे ग्रामीण हिरासत में लिए, मरणव्रत का एलान किया तो छोड़ा

पुलिस ने धरने पर बैठे लोगों को हिरासत में लिया तो बाद में छोड़ दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 06:45 AM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 06:45 AM (IST)
धरने पर बैठे ग्रामीण हिरासत में लिए, मरणव्रत का एलान किया तो छोड़ा
धरने पर बैठे ग्रामीण हिरासत में लिए, मरणव्रत का एलान किया तो छोड़ा

संस, समराला : समराला पुलिस स्टेशन में बहिलोलपुर रोड पर पुल बनाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे लोगों को वीरवार की शाम करीब चार बजे पुलिस ने हिरासत में ले लिया। जब पुलिस स्टेशन में धरनाकारियों ने मरणव्रत रखने का एलान कर दिया तो करीब एक घंटे बाद पांच बजे पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। फिर हिरासत से छूटने के बाद धरनाकारियों ने कहा कि वे धरनास्थल पर अब संघर्ष की नई रूप रेखा बनाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे जेल से नहीं डरते, जब तक पुल नहीं बन जाता, वह अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे।

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दरअसल, धरनाकारियों को हिरासत मे लेने की यह कार्रवाई पुलिस ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा जुबानी दी गई शिकायत पर की थी। अथॉरिटी के अधिकारियों ने पुलिस को कहा था कि धरनाकारी सरकारी काम में रुकावट पैदा कर रहे हैं। इससे पहले बीते दिन नेशनल हाईवे अथॉरिटी समराला बाईपास की अधूरी 400 मीटर की सड़क पर काम शुरू करने लगी तो धरनाकारियों ने उनकी मशीनरी को वापस भेज दिया। धरनाकारियों को हिरासत मे लेते समय नायब तहसीलदार विवेक निरमोही भी साथ मौजूद थे।

ग्रामीण करीब 58 दिन से बहिलोलपुर रोड पर पुल बनाने की मांग को लेकर क्रमवार भूख हड़ताल पर हैं। धरनाकारियों का कहना था कि पुल नहीं बनने के कारण करीब 40 गांवों का रास्ता बंद हो जाएगा और इन गांव निवासियों को अपने गांव में जाने के लिए काफी दूर से होकर आना पडे़गा। इससे पहले प्रशासन ने धरनाकारियों के साथ मीटिग करके पुल की जगह सब-वे बनाने की योजना रखी थी, लेकिन धरनाकारियों ने उस योजना को नकार कर पुल की मांग को बरकरार रखा था।

बता दें कि समराला में करीब छह किलोमीटर लंबा बाईपास बनने जा रहा था, इसका 400 मीटर का निर्माण बहिलोलपुर रोड पर अभी रहता था, क्योंकि बहिलोलपुर रोड के उपर ही समराला बाईपास की सड़क गुजरनी थी। सड़क बनती देख कर कई गावों के लोगों ने इक्कठे हो कर इस सड़क पर पुल बनाने की मांग को लेकर धरने प्रदर्शन और क्रमवार भूख हड़ताल शुरू कर दी। एसएचओ बोले, लिखित शिकायत नहीं मिली इसलिए छोड़ा

एसएचओ सिकंदर सिंह ने कहा कि धरनाकारियों पर कार्रवाई नेशनल हाईवे अथॉरिटी की शिकायत पर की गई थी। उनके साथ ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी हाजिर थे। उन्होंने कहा कि रिहा इसलिए किया गया कि उन्होंने लिखित आवेदन देने से इन्कार कर दिया। उन्होंने इस बात से इन्कार किया कि धरनाकारियों ने थाने में मरणव्रत रखने का एलान किया। वहीं इस संबंध में ड्यूटी मजिस्ट्रेट विवेक निरमोही ने कहा कि पुलिस स्टेशन में लिखित आवेदन हाईवे के टेक्निकल मैनेजर भुवनेश्वर की तरफ से दी गई थी।


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