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राम जन्मभूमि फैसला : सौहार्द रखा कायम, सोशल मीडिया में चली बधाइयां

शनिवार सुबह से ही शहर में लोग अपने टीवी से चिपके हुए राम जन्मभूमि के फैसले का इंतजार कर रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 05:00 AM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 05:00 AM (IST)
राम जन्मभूमि फैसला : सौहार्द रखा कायम, सोशल मीडिया में चली बधाइयां
राम जन्मभूमि फैसला : सौहार्द रखा कायम, सोशल मीडिया में चली बधाइयां

जेएनएन, रायकोट : शनिवार सुबह से ही शहर में लोग अपने टीवी से चिपके हुए राम जन्मभूमि के फैसले का इंतजार कर रहे थे। जब यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की तरफ से राम लला के हक में आया तो हर तरफ खुशी की लहर दौड़ गई।

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लोग एक-दूसरे को मिलकर व फोन पर बधाइयां देने लगे। शहर के मुख्य सभी वाट्सएफ समेत अन्य सोशल मीडिया ग्रुप में लोगों ने जमकर खुशी मनाई। हालांकि यह बात काबिलेतारीफ है कि लोगों ने धार्मिक सौहार्द  बनाते हुए यह खुशी सिर्फ सोशल मीडिया ग्रुप तक ही सीमित रखी, सड़कों पर कोई भी खुशी मनाते या  मिठाई बांटते हुए नहीं देखा गया। रायकोट पुलिस ने भी डीएसपी सुखनाज सिंह के नेतृत्व में बड़ा फ्लैग मार्च निकाला। इसमें सिटी इंचार्ज अमरजीत सिंह, सदर इंचार्ज निदान सिंह, थाना हथुर इंचार्ज हरजिदर सिंह ने अपनी-अपनी फोर्स के साथ शहर में एक फ्लैग मार्च निकाला व लोगों को यह आश्वस्त किया कि शहर में लॉ एंड आर्डर खराब नहीं होने दिया जाएगा। भाजपा नेता कपिल गर्ग ने कहा कि अब देश में करोड़ों हिदुओं के आराध्य भगवान राम के जन्म स्थल पर एक भव्य मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। यह फैसला धर्म और जाति से ऊपर उठकर दोनों समुदाय के बीच कटुता दूर कर भविष्य में सौहार्द स्थापित करेगा।

भाजपा मंडल प्रधान दीपक बांसल के अनुसार यह किसी धर्म के खिलाफ कोई जीत नहीं है। यह एक सत्य की जीत है। हमें धार्मिक सौहार्द बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्याय का सम्मान करना चाहिए और अगर खुशी व्यक्त करनी है तो लोगों को आज के दिन अपने घरों में दीपमाला करनी चाहिए। भाजपा सीनियर नेता सतीश अग्रवाल ने कहा कि देश में इसी मंदिर मस्जिद विवाद के कारण कई धार्मिक राजनीतिक पार्टियों ने अपनी रोटियां सेकी है। आज इस सत्य की जीत से दोनों धर्मो के समुदायों के बीच क्लेश खत्म हो जाएगा। 1992 में गए जत्थे में रायकोट से मैं अकेला था: जगदीश वर्मा

भाजपा नेता जगदीश वर्मा ने कहा कि 1992 में कार सेवकों का जो जत्था गया था, उसमें मैं अकेला रायकोट से था। वहां पर भी कारसेवकों के पहले जत्थे में  मैंने अगुआई की। रामलला की मूर्ति स्थापना के समय जो पहले 10 लोग गर्भगृह में  गए, उनमें में भी मैं था। मेरे जीवन का उद्देश्य सिर्फ राम मंदिर देखना था। इस फैसले के बाद मेरा जीवन सार्थक हो गया और  हमारी पीढ़ी के लिए यह सौभाग्य की बात है कि 500 साल की कैद के बाद हम रामलला को आजाद होते देख रहे हैं। कोर्ट का सम्मान करते हुए सौहार्द बनाए रखें: मोहम्मद इमरान

मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी प्रधान मोहम्मद इमरान ने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हुए धार्मिक सौहार्द  बनाकर रखना चाहिए। देश में हिदू और मुसलमान हजारों सालों से आपसी प्रेम और भाईचारे के साथ रहते आ रहे हैं। लिहाजा हमें भविष्य में भी प्यार बनाकर रखते हुए देश और समाज को ऊपर ले जाने के लिए यत्न करने चाहिए। वहीं डीएसपी सुखनाज सिंह ने बताया कि पुलिस स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए है।


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