क्वारंटाइन के लिए बस में 10 लोगों लेकर घूमता रहा ड्राइवर, किसी ने नहीं रखा
बस ड्राइवर ने बताया कि वह दोपहर से रात तक इन दस लोगों को लेकर चक्कर ही लगाता रहा। कई अधिकारियों को फोन किया लेकिन कोई कुछ भी बताया नहीं गया।
लुधियाना, जेएनएन। सरकार के निर्देश हैं कि दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की तत्काल स्क्रीनिंग, सैंपलिंग होगी और फिर उन्हें सरकारी क्वारंटाइन किया जाएगा। मगर हंबड़ा के गांव चाहड़ के दस लोग ग्वालियर से गेहूं की कटाई का काम पूरा करके वीरवार रात्रि शहर में लौटे। पुलिस ने इन सभी को मेडिकल जांच करवाने को कहा। गांव की आशा वर्कर उन्हें कूमकलां सीएचसी ले गई। वहां से उन्हें सिविल अस्पताल भेज दिया गया। वीरवार रात करीब दस बजे सिविल अस्पताल पहुंचने पर दो बजे तक इनके सैंपल ले लिए गए। मगर इनमें से एक को भी क्वारंटाइन नहीं किया।
अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि उनके पास जगह नहीं हैं। उन्होंने बस का इंतजाम करवाकर पहले मेरिटोरियस स्कूल में बनाए क्वारंटाइन सेंटर में भेजा। वहां भी इन्हें भर्ती नहीं किया गया। फिर उन्हें मुल्लांपुर में बनाए क्वारंटाइन सेंटर में भेजा गया। वहां भी इन्हें भर्ती करने से इंकार कर दिया गया। रात्रि दस बजे तक ग्वालियर से लौटे ये दस लोग बस ड्राइवर के साथ सड़कों पर घूमते रहे।
बस ड्राइवर ने बताया कि वह दोपहर से रात तक इन दस लोगों को लेकर चक्कर ही लगाता रहा। कई अधिकारियों को फोन किया, लेकिन कोई कुछ भी बताया नहीं गया। हारकर वह फिर से सिविल गया। हालांकि अभी उन्हें कहां रखा जाएगा, इसके बारे में किसी को भी पता नहीं है। ऐसा हाल तब है, जब शहर में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
अव्यवस्था: सिविल सर्जन यहां भी अभी पता ही लगा रहे
सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा का कहना था कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। मेरिटोरियस स्कूल में तो सात सौ बेड के इंतजाम किए गए हैं। अगर वहां भी इन लोगों को भर्ती करने से मना किया गया है, तो इस बारे में पता करवाते हैं। सभी को क्वारंटाइन किया जाएगा।
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