PAU ने विकसित की नई किस्म पंजाब एप्पल अमरूद, बरसात में सफेद तो सर्दी में होगा लाल रंग
पीएयू ने अमरूद की नई वैरायटी पंजाब एप्पल अमरूद विकसित की है। विशेष बात यह है कि बरसात में इसका फल सफेद और सर्दी में लाल रंग का होता है।
लुधियाना [आशा मेहता] अमरूद के शौकीनों के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (Punjab Agricultural University) ने एक नई वैरायटी (New variety) तैयार की है। इस वैरायटी का नाम पंजाब एप्पल अमरूद (Punjab apple guava) है। नाम की तरह ही इस वैरायटी के फल भी देखने में काफी आकर्षक है। पंजाब में अमरूद की यह पहली ऐसी वैरायटी है, जिसका रंग बाहर से लाल है। बाकी गुण दूसरे अमरूद की तरह ही हैं। विशेष बात यह है कि बरसात में इसका फल सफेद और सर्दी में लाल रंग का होता है। लाल रंग तभी होता है, जब रात का तापमान चार से पांच डिग्री सेल्सियस तक आ जाता है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि अमरूद की एप्पल वैरायटी फल उत्पादकों व विक्रेताओं की आय बढ़ाने में मददगार साबित होगी। PAU ने इस किस्म पर वर्ष 2013 में शोध शुरू की थी। करीब सात साल की लंबी शोध के बाद अब इस वैरायटी को लगाने के लिए सिफारिश कर दी गई है। PAU के डिपार्टमेंट ऑफ फ्रूट साइंस (Department of Fruit Science) के हेड डॉ. हरमिंदर सिंह बताते हैं कि पंजाब में अभी अमरूद की दो तरह की वैरायटी लगाई जाती है। एक अंदर से सफेद और दूसरी अंदर से लाल।
PAU ने पंजाब को तीसरी ऐसी वैरायटी दी है, जो बाहर से लाल होगी। हालांकि, यह लाल रंग फल केवल
सर्दियों में ही आएगा। बरसात में लाल रंग नहीं होगा। बरसात में जो फल आएगा, उसका रंग बाहर से सफेद ही होगा। अमरूद के फल साल में दो बार एक सर्दियों व दूसरा बरसात में लगते हैं। डॉ. हरमिंदर सिंह ने बताया कि नार्थ इंडिया में ही इस वैरायटी को लगाया जा सकता है। खासकर, वहां जिन जगहों पर ठंड अधिक पड़ती है। ऐसे में हम किसानों को यही सिफारिश कर रहे हैं कि मुनाफा लेने के लिए वह इस वैरायटी से केवल सर्दियों में ही फल लें। बरसात में इस वैरायटी के पेड़ पर फूल आते हैं तो उसे झाड़ देंं। इससे सर्दियों में अधिक फल आएंगे।
इस वैरायटी को लगाने का समय अगस्त से सितंबर है। फल तीसरे साल में लगने शुरू हो जाते हैं। पहली बार एक पौधा करीब चालीस किलो फल देता है। जैसे-जैसे पौधे की उम्र बढ़ेगी, फल का उत्पादन बढ़ता जाता है। हर साल करीब पंद्रह किलो फल बढ़ जाता है। PAU की ओर से इस वैरायटी के पौधे काफी तादाद में तैयार किए गए हैं। किसान PAU की नर्सरी से पौधे ले सकते हैं। डॉ. हरमिंदर सिंह के अनुसार इस वैरायटी का रंग इतना मनमोहक व आकर्षक है कि ग्राहक इसे देखते ही खरीदने को मजबूर होगा। यही नहीं फल उत्पादक इस वैरायटी से दोगुणा आमदन कर सकते हैं।