लापरवाही! बठिंडा में पुलिस का कोरोना टेस्ट कैंप, रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही बिना निगरानी मरीज को भेजा घर
बठिंडा में पुलिस के टेस्ट कैंप में पाजिटिव मरीज को बिना किसी निगरानी घर भेज दिया गया। दरअसल पुलिस नाकों पर लोगों को कोरोना सैंपल लेकर टेस्ट किए जा रहे हैं। वीरवार को थाना सिविल लाइन के बाहर लगाए गए कैंप में कुल 91 लोगों के टेस्ट किए गए।
बठिंडा, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर के बढ़ते संक्रमण के बीच सेहत विभाग व पुलिस प्रशासन की लापरवाही मरीजों पर भारी पड़ रही है। एक दिन पहले लुधियाना में कोरोना पाजिटिव मरीज खुद फतेह किट लेने अस्ताल पहुंचा तो वीरवार को बठिंडा में पुलिस के टेस्ट कैंप में पाजिटिव मरीज को बिना किसी निगरानी घर भेज दिया गया। दरअसल, बठिंडा में पुलिस नाकों पर लोगों को कोरोना सैंपल लेकर टेस्ट किए जा रहे हैं। वीरवार को थाना सिविल लाइन के बाहर लगाए गए कैंप में कुल 91 लोगों के टेस्ट किए गए। तीन लोग पाजिटिव आए।
रिपोर्ट आते ही पुलिस कर्मियों ने उन्हें दूर से ही घर जाने को कह दिया। कहा, 'तुहाडी रिपोर्ट पाजिटिव आई है, हुण सीधे घर जाओ। कल नूं सिविल अस्पताल चों फतेह किट लै लेणा। हालांकि आशा वर्कर मरीज के घर फतेह किट देने जाती हैं, लेकिन इस कैंप में टेस्ट में पाजिटिव आए मरीज को कोई देखने वाला था। मरीज सीधे घर गया या फिर शहर में जगह-जगह कोरोना का प्रसार करता रहा किसी कोई जानकारी नहीं। आखिर इस जानलेवा लापरवाही के लिए जिम्मेदारी किसकी है।
शारीरिक दूरी का भी नहीं ख्याल
पुलिस की ओर से लगाए गए कैंप में लोगों को रोककर टेस्ट किए गए। जिन्होंने सैंपल दिए, उन्होंने शारीरिक दूरा का ख्याल नहीं रखा। लोग एक-दूसरे के साथ सटकर खड़े रहे। सेहत विभाग के मुलाजिम लवप्रीत सिंह ने बताया कि यहां रेपिड टेस्ट किए जा रहे हैं। पाजिटिव मरीजों की रिपोर्टिंग अगले दिन शुरू की जाती है।
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