आर्थिक तंगी के कारण नहीं भरी स्कूल की फीस, छात्रा को भुगतनी पड़ी यह सजा
सुरिंदर सिंह ने कहा कि फीस जमा न करने पर उनकी बेटी को क्लास में नहीं बैठने दिया गया। वह कई दिनों तक लाइब्रेरी में बैठ रही थी।
जेएनएन, लुधियाना। कुंदन विद्या मंदिर में उस समय हंगामा हो गया, जब स्कूल की एक छात्रा की मदद करने पर दो छात्राओं को पिंक कार्ड देकर सजा दी गई। परिजनों ने स्कूल की इस कार्रवाई पर एतराज जताया है। हुआ यूं कि शिवपुरी निवासी आठवीं कक्षा के सी सेक्शन की छात्रा मुस्कान के पिता ने आर्थिक तंगी की वजह से उसकी अप्रैल से लेकर दिसंबर तक की फीस जमा नहीं करवाई। फीस करीब 36 हजार रुपये बनती थी। पिता सुरिंदर सिंह ने कहा कि फीस जमा न करने पर उनकी बेटी को क्लास में नहीं बैठने दिया गया। वह कई दिनों तक लाइब्रेरी में बैठ रही थी। यह देखकर उसकी कक्षा की दो छात्राओं कारवी और तनीषा ने मुस्कान की मदद के लिए आगे आई। उन्होंने मुस्कान की फीस जमा करवाने में मदद करने के लिए कक्षा के दूसरे विद्यार्थियों से करीब दस हजार रुपये एकत्रित किए और क्लास इंचार्ज को दिए, लेकिन क्लास इंचार्ज ने पैसे लेने से इंकार दिया और दोनों छात्राओं की शिकायत प्रिंसिपल से कर दी। जिसके बाद सजा के तौर पर दोनों छात्राओं को पिंक कार्ड दे दिया गया। पिंक कार्ड के तहत छात्राओं को दो दिन स्कूल न आने की सजा दी गई। सुरिंदर ने कहा कि एक तो उनकी बेटी को फीस न देने के लिए कक्षा में बैठने नहीं दिया गया, उस पर से जिन छात्राओं ने उसकी मदद की थी उन्हें भी सजा दी गई।
यह कहती हैं स्कूल की प्रिंसिपल
स्कूल की प्रिंसिपल नविता पुरी ने कहा कि मुस्कान की कई महीनों की फीस बकाया था। परिजनों से लगातार फीस जमा करवाने के लिए कहा जा रहा था। बच्ची को कक्षा में बैठने से मनाही नहीं की गई। मुस्कान के भाई कार्तिक की स्कूल ने पहले ही फीस माफ कर रखी है। वहीं दो छात्राओं को पिंक कार्ड इसलिए दिया गया, क्योंकि उन्होंने स्कूल के नियम को तोड़ा है। स्कूल में किसी भी विद्यार्थी से इस तरह पैसे इकट्ठे नहीं किए जा सकते हैं।