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Fastag रीचार्ज करवाने के बाद Message में आया लिंक, क्लिक करते ही खाते से निकल गए 93 हजार रुपये

पेटीएम या नंबर को फास्टैग से अटैच करवाने पर रोजाना दर्जनों लोगों से ठगी हो रही है।मोबाइल पर आने वाले एसएमएस के लिंक पर क्लिक न करें और किसी के कहने पर एप डाउनलोड करें।

By Sat PaulEdited By: Published: Sat, 28 Dec 2019 09:16 AM (IST)Updated: Sun, 29 Dec 2019 09:03 AM (IST)
Fastag रीचार्ज करवाने के बाद Message में आया लिंक, क्लिक करते ही खाते से निकल गए 93 हजार रुपये

लुधियाना, जेएनएन। फास्टैग रीचार्ज करवाते ही एक लिंक पर क्लिक करने पर मुंबई की जोओ नामक कंपनी के एजीएम के खाते से नौसरबाज 93 हजार उड़ा ले गए। प्लास्टिक उत्पाद बनाने वाली मुंबई की कंपनी के एजीएम लुधियाना के दरेसी निवासी विशाल शर्मा कार पर फास्टैग लगवाकर अभी घर भी नहीं पहुंचे थे कि रास्ते में उन्हें नौसरबाज का फोन आया। नौसरबाज ने विशाल से कहा कि उनकी ओर से दिया गया मोबाइल नंबर फास्टैग से अटैच नहीं है। अगर नंबर अटैच करवाना है तो एसएमएस से भेजे गए लिंक पर क्लिक कर अपना मोबाइल नंबर लिख दें।

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विशाल ने लिंक पर क्लिक कर अपना मोबाइल नंबर भेजा तो उनके खाते से कई ट्रांजेक्शन कर नौसरबाज 93 हजार रुपये उड़ा ले गया। पीड़ित ने 93 हजार के मैसेज देखने के बाद तुरंत उस नंबर पर फोन मिलाया तो आगे से नंबर बंद मिला। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस कमिश्नर (सीपी) से की है। सीपी ऑफिस ने मामला जांच साइबर सेल को भेज दिया है।

सीपी ऑफिस में जाओ, थाने में दर्ज नहीं होगी शिकायत

पेटीएम या नंबर को फास्टैग से अटैच करवाने पर रोजाना दर्जनों लोगों से ठगी हो रही है। जब विशाल शर्मा इसकी शिकायत लेकर कोतवाली थाने में गए तो वहां पर पुलिस अधिकारी ने शिकायत लेने से मना कर दिया। पुलिस अधिकारी का कहना था कि ऑनलाइन ठगी की शिकायत पुलिस कमिश्नर के पास ही करनी होगी और वहीं से इसकी जांच होगी। इसके बाद पीड़ित ने सीपी ऑफिस में जाकर शिकायत दी।

नौसरबाज रिमोट पर ले लेते हैं मोबाइल फोन

एडीसीपी सचिन गुप्ता ने एडवाइजरी जारी की है कि मोबाइल पर आने वाले एसएमएस के लिंक पर क्लिक न करें और किसी के कहने पर कभी प्ले स्टोर से कोई एप डाउनलोड न करें। एप की सहायता से नौसरबाज मोबाइल को रिमोट पर ले लेते हैं और उस पर आने वाले सभी मैसेज उसके पास खुद ब खुद चले जाते हैं। जिस अकाउंट से आपका नंबर अटैच होता है उससे पैसों की ट्रांजेक्शन कर ली जाती है।

ठगी से ऐसे बचें

  • मैसेज में आए किसी भी तरह के लिंक पर न करें क्लिक।
  • किसी का फोन आए तो उसे डेबिट-क्रेडिट कार्ड नंबर न दें। खाते की जानकारी भी न दें।
  • किसी को कार्ड के पीछे लिखा सीवीवी नंबर भी न बताएं।
  • कोई फोन कर आपका पिन या पासवर्ड पूछे तो न बताएं।
  • खाते से जुड़ा मोबाइल नंबर भी गुप्त रखें नौसरबाज क्लोन सिम बनाकर भी ठगी कर लेते हैं।

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