फर्जी कागजात बनाकर सेना में हुए थे भर्ती, नागपुर Military Training Camp से एक गिरफ्तार
फर्जी कागजात बनवाकर सेना में भर्ती होने के मामले में पुलिस ने पहली गिरफ्तारी की है। सोनीपत जिले के मनजीत सिंह को नागपुर के मिलिट्री ट्रेनिंग कैंप से गिरफ्तार किया है
जेएनएन, लुधियाना। पंजाब के फर्जी कागजात बनवाकर सेना में भर्ती होने के मामले में पुलिस ने पहली गिरफ्तारी की है। पुलिस ने हरियाणा के सोनीपत जिले के मनजीत सिंह को नागपुर के मिलिट्री ट्रेनिंग कैंप से गिरफ्तार किया है। मनजीत ने लुधियाना के कागजात पर सेना में नौकरी हासिल की थी। बता दें कि थाना डिवीजन पांच की पुलिस ने 35 ऐसे युवाओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था, जिन्होंने फर्जी कागजात के सहारे सेना में नौकरी हासिल की थी। वहीं पैसे लेकर युवाओं को फर्जी एडमिट कार्ड देने वाले सेना के पूर्व हवलदार को भी नामजद किया गया है।
थाना प्रभारी गोल्डी विरदी ने बताया कि 16 फरवरी को जगराओं पुल के पास स्थित सेना के भर्ती कार्यालय प्रभारी कर्नल विशाल दूबे की ओर से लिखे गए पत्र के बाद 35 ऐसे उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे, जिन्होंने पंजाब में जाली कागजात बनाए और सेना में भर्ती हो गए। मनजीत सिंह को अदालत में पेश कर दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। आरोपित से कागजात बनाने वाले दलालों के बारे में पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि एक फरवरी को दर्ज आपराधिक मामले में नामजद पूर्व फौजी महिंदर सिंह के बारे में भी पूछताछ की जा रही है, जो अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
बता दें कि भर्ती हुए उम्मीदवारों की वेरिफिकेशन का काम रिक्रूटमेंट कार्यालय में तैनात मैसेंजर सुरिंदरपाल सिंह और पूर्व फौजी महिंदर सिंह करवाते थे। वे पैसे लेकर सेना में भर्ती करवाने का फर्जीवाड़ा चलाते थे। इसका पर्दाफाश तब हुआ जब रोपड़ पुलिस ने लुधियाना के सलेमटाबरी निवासी एक युवक को काबू किया था।
रोपड़ में हुए घोटाले के बाद से खुलने लगी थी परत
जैसे ही रोपड़ में सेना में फर्जी तरीके से भर्ती होने का मामला पर्दाफाश हुआ तो सेना के सभी भर्ती कार्यालयों में इसकी जांच शुरू हुई। यहां पर की गई जांच में सामने आया था कि सेना में भर्ती के लिए मोहाली, रूपनगर और लुधियाना में फर्जी कागजात बॉर्डर एरिया के सर्टीफिकेट, फर्जी रिहायश के कागजात, जन्म प्रमाण पत्र बने थे, जिसके सहारे 35 लोगों ने सेना में नौकरी ले ली थी।
16 लोगों ने लुधियाना से बनवाए हैं कागजात
लुधियाना की तहसीलों से बने कागजातों के सहारे 16, रूपनगर से 17 और मोहाली से एक उम्मीदवार भर्ती हुए थे।
घरों में जाकर की थी वेरिफिकेशन तो सामने आए फर्जी कागजात
सेना के रिक्रूटमेंट कार्यालय से अधिकारियों की ओर से खुद इन आरोपितों के कागजात की फिजिकल वेरिफिकेशन की गई थी। सेना के अधिकारी खुद इन एड्रेस पर गए थे यहां से पता चला कि उक्त युवक वहां पर रहते ही नहीं हैं। यही नहीं इनमें से दो के एड्रेस तो पुलिस द्वारा ढूंढे जा रहे पूर्व हवलदार महिंदरपाल सिंह के घर के थे।
एमएलए, एमसी के लेटरहेड पर बने प्रमाण पत्र
रिहायश के सर्टिफिकेट बनाने के लिए तहसील कार्यालय में पार्षद और एमएलए के लेटरहेड तक लगे हुए हैं, जिसके बाद ही तहसीलदार की ओर से उक्त रिहायश सर्टिफिकेट और दूसरे कागजात तैयार किए गए थे, जिन्हें ऑनलाइन भी कर दिया गया। यही नहीं इन्हें जमा करवाने से पहले पुलिस से होने वाली वेरिफिकेशन भी कर दी गई। अब यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि एमएलए और पार्षद के लेटर हेड कैसे बने, वेरीफिकेशन कैसे हो गई और क्यों इन्हें बनाने के लिए सतर्कता नहीं बरती गई।
पूर्व हवलदार ने 65 हजार लेकर दिए फर्जी एडमिट कार्ड, नामजद
थाना डिवीजन 5 पुलिस ने जगराओं के गांव सुधार निवासी पूर्व हवलदार गुरचरण सिंह को नामजद किया है। दरअसल जब समाचार पत्रों में सेना में फर्जी भर्ती घोटाले की खबरें प्रकाशित हुईं तो भर्ती कार्यालय में कई लोग अपनी शिकायतें लेकर पहुंचने लगे थे। जांच के बाद पता चला कि पूर्व हवलदार ने दर्जन के करीब लोगों से सेना में भर्ती करवाने के नाम पर पैसे लिए हैं और उन्हें जाली एडमिट कार्ड भी दे दिए। हवलदार गुरचरण सिंह पर आपराधिक मामला दर्ज करवाया गया। उसने सुधार के ही नहीं बल्कि आस पास के लोगों को शिकार बनाया है।