पशुओं को लाने-ले जाने के लिए अब वेटरनरी अफसर देंगे एनओसी
पशुओं को लाने-ले जाने के लिए अब वेटरनरी अफसर एनओसी देंगे।
जासं, जगराओं : प्रदेश में पशु पालकों की परेशानी को कम करने व पशु पालन को उत्साहित करने के लिए पंजाब सरकार ने पशुओं को ढोने के संबंध में नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) की शर्त में कुछ राहत देने का फैसला किया है। अब डीसी की बजाए वेटनरी अफसरों को एनओसी जारी करने के अधिकार दिए जा रहे हैं। यह घोषणा पंजाब के पशु एवं मछली पालन व डेयरी विकास मंत्री तृप्त राजिदर सिंह बाजवा ने की। वह जगराओं में प्रोग्रेसिव डेयरी फार्मिग एसोसिएशन की ओर से करवाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय डेयरी व एग्रो एक्सपो के समापन समारोह में पहुंचे थे।
मंत्री बाजवा ने कहा कि पशुओं को ढोने के लिए पशु पालकों को एनओसी लेने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। हरियाणा की तर्ज पर लिए गए इस फैसले पर जल्द नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। इस फैसले से पशु पालकों की परेशानी कम होने के साथ उनके व्यापार में भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि पशुओं को बीमारी मुक्त बनाने के लिए मुंह खुर व गल-घोटू के मुफ्त टीके लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले के 100-100 गांव चुनकर पशुओं के कृत्रिम गर्भधारण टीके लगाए जा रहे हैं। पशुओं की नस्ल सुधार के लिए माझा में नीली रावि, बार्डर एरिया में साहीवाल व मालवे में मुरहा नस्ल के बढि़या पशु तैयार करने के लिए नई स्कीम आरंभ की है। पांच सुअरों के फार्म के लिए रियायती दरों से सुअरों के बच्चे दिए जा रहे हैं। बकरियों के लिए बीटल नस्ल के नर बच्चे पशु पालकों को मुफ्त दिए जा रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि डेयरी कारोबार को प्रोत्साहित करने के लिए डेयरी विकास के नौ सिखलाई केंद्रों से हर वर्ष 6000 से अधिक नौजवानों को प्रशिक्षण दिया जाता है। लगभग 3000 बच्चों को बैंकों से आसान दर पर कर्ज दिलाकर इस कारोबार के लिए मदद की जाती है। उन्होंने कहा कि प्रोग्रेसिव डेयरी फार्म एसोसिएशन (पीडीएफए) ऐसी संस्था है जो सरकारी नीतियों व स्कीमों को किसानों तक पहुंचाती है। बाजवा ने कहा कि पंजाब के दक्षिणी जिलों में खारे पानी में झींगा पालन के कार्य में तेजी आई है।