Street Light खराब है तो एप से करें शिकायत, मरम्मत करने जल्द पहुंचेगा कर्मचारी Ludhiana News
एलईडी लाइट्स कांट्रेक्टर कंपनी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड के बिजनेस हेड राजिंदर इनानी ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर यह एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध होगा।
लुधियाना, जेएनएन। अब एलईडी स्ट्रीट लाइट्स के खराब होने पर सीधे एप पर शिकायत दर्ज की जा सकेगी, जिसके बाद कर्मचारी मरम्मत के लिए पहुंचा जाएगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर भर में लग रही एक लाख पांच हजार एलईडी लाइट्स की शिकायत स्मार्ट स्ट्रीट एलईडी एप पर दर्ज होगी।
130 करोड़ की लागत से महानगर में लग रही एलईडी लाइट्स कांट्रेक्टर कंपनी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड के बिजनेस हेड राजिंदर इनानी ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर यह एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध होगा। शिकायत मिलते ही मेनटेनेंस टीम बताई जगह पर लाइट्स को दुरुस्त कर देगी। इनानी ने बताया कि प्रोजेक्ट की मेनटेनेंस का सात साल का कांट्रेक्ट है। प्रोजेक्ट पूरा होने में कुछ देरी हुई है। इसके लिए कंपनी को मिला खराब इंफ्रास्ट्रक्टचर जिम्मेदार है। उन्होंने बताया कि एलईडी लाइट्स लगने से पहले नगर निगम का बिल ही 2.62 करोड़ आता था। अब इसमें 63 प्रतिशत यानि कि 1.65 करोड़ की बचत हुई है।
एलईडी लाइट्स संबंधी जानकारी देते टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड के स्मार्ट सिटी यूनिट हेड राजिंदर इनानी।
जोन डी में बने कंट्रोल रूम में पता चलता है कि कौन सी लाइट खराब
कांट्रेक्टर कंपनी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड के बिजनेस हेड राजिंदर इनानी ने बताया कि नगर निगम के जोन ए, बी, सी व डी में लगने वाली इन लाइट्स में ऐसा सिस्टम लगाया है जो लाइट खराब होने पर जोन डी में बनाए गए कंट्रोल रूम को सूचना देगा। कंट्रोल रूम के साथ साथ इसकी सूचना एसएमएस के जरिए संबंधित इलाके की मेनटेनेंस टीम के पास भी पहुंचती है। जोन डी और बी में लगभग का पूरा हो चुका है, जबकि ए और सी जोन में काम चल रहा है। जल्द ही एलईडी लाइट्स लग जाएंगी।
मेयर बलकार संधू व पार्षद ममता आशु ने कांट्रेक्ट रद करने की मांग की थी
कंपनी की कार्यप्रणाली व क्वालिटी से नाखुश कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु की पत्नी पार्षद ममता आशु ने कांट्रेक्ट रद करने की मांग की थी। मेयर बलकार सिंह संधू ने चंडीगढ़ में लोकल बॉडीज डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को यहां तक कह दिया था कि कंपनी कांट्रेक्ट को पूरा नहीं कर पा रही। तीन महीने की एक्सटेंशन के बावजूद भी रफ्तार सुस्त है। तुरंत प्रभाव से कांट्रेक्ट रद होना चाहिए। अगर इसके लिए नगर निगम सदन में प्रस्ताव पास करवाने की जरुरत है तो वह भी करवाकर दे देंगे।
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