फरियादियों को थाने आने की जरूरत नहीं, ऑनलाइन हो रहा शिकायतों का निपटारा
चुनौतियों के बीच लॉकडाउन के चार चरणों में काम करने के दौरान पुलिस ने हालात को देखते हुए अपनी कार्यप्रणाली में व्यापक बदलाव किया है।
लुधियाना, जेएनएन। चुनौतियों के बीच लॉकडाउन के चार चरणों में काम करने के दौरान पुलिस ने हालात को देखते हुए अपनी कार्यप्रणाली में व्यापक बदलाव किया है। पुलिस के साथ ही अब कई सरकारी विभागों ने भी अपने कामकाज के तरीकों को तकनीकि रूप देना शुरू कर दिया है। इन बदलावों में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका इलेक्ट्रानिक, सफाई-सैनिटाइजेशन उपकरणों और कान्टेक्टलैस वर्किंग के तौर तरीके आदि शामिल हैं।
कोरोना कॉल में पूरे का पूरा प्रबंधन ही बदल कर रख दिया है। मजबूरी में ही सही पुलिस समेत सिविल प्रशासन और सेहत विभाग के बहुत से काम आनलाइन हो गए हैं। सबसे बड़ा बदलाव पुलिस प्रशासन में हुआ है। इसके लिए अब थानों और कार्यालयों में धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। ऑनलाइन शिकायतें लेने के साथ-साथ पुलिस विभाग से मिलने वाली ज्यादातर सुविधाएं ऑनलाइन मिलने लगेंगीं।
इसके अलावा सिविल प्रशासनिक कार्यालयों में भी फेरबदल हुआ है। सेहत विभाग के ज्यादातर काम भी अब ऑनलाइन होंगे, यही नहीं डॉक्टर दवा तक आनलाइन देने लगे हैं। फरवरी तक जो सोचा भी नहीं गया था, इन तीन महीनों में उस पर विचार ही नहीं बदलाव तक कर दिया गया।
ऑनलाइन से थाने में कम हुई शिकायतकर्ताओं की भीड़
पुलिस थानों में अब शिकायतें ऑनलाइन होने लगी हैं, ऐसे में फरियादियों की भीड़ भी कम हुई है। ऑनलाइन रिपोर्ट दर्ज कराने का सारा काम पुलिस कंट्रोल रूम पर कर दिया गया है। श्रमिकों और नौकरों की वेरीफिकेशन के लिए भी कहीं जाने की जरूरत नहीं है। इसके लिए भी ऑनलाइन प्रावधान किया गया है।
पत्राचार के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट का सहारा
पत्राचार के लिए भी सोशल नेटवर्किंग साइट का सहारा लिया जा रहा है। इसके अलावा कार्यालय स्टाफ को भी अपनी जगह पर ही इंटरकॉम से एक दूसरे से बात करने की आदत पड़ रही है। इन सभी चीजों से पुलिस विभाग के मुलाजिमों को काम करने के लिए भी समय मिल रहा है। विभाग की ओर से सैनिटाइजेशन मशीनें और थानों में अर्जी लेकर पहुंचने के नियम भी बदल गए हैं।
सिविल प्रशासन ने भी बदले तौर-तरीके
सिविल प्रशासन के भी तमाम कार्यालयों में सिस्टम पूरी तरह से बदल गया है। चार माह पहले किसी ने सोचा भी नहीं था कि इस तरह के बदलाव होंगे। सबसे बड़ा बदलाव यहां पर सब रजिस्ट्रार कार्यालय में आया है। यहां भीड़ कम करने के लिए खरीद-फरोख्त के मामलों में अब बेचने वाले को ही बुलाया जा रहा है। डीटीओ कार्यालय में भी भीड़ कम करने के लिए उसी व्यक्ति को अंदर आने की इजाजत है जिसने आवेदन किया है, इससे बिना काम के घूमने वालों और दलालों से छुटकारा मिला है। यही नहीं अब पुरानी कॉपी वाली आरसी का डाटा भी घर बैठे ही एंट्री किया जा सकता है। इससे भी पुराने सिस्टम में भारी बदलाव आया है। सिविल प्रशासन भी धीरे धीरे आनलाइन सिस्टम की ओर बढ़ रहा है।
डॉक्टर दे रहे आनलाइन दवाइयां
यह बदलाव सेहत विभाग में भी देखने को मिल रहा है। यहां पहले छोटी-छोटी बीमारियों के लिए लोगों की भीड़ अस्पतालों में लगी रहती थी मगर अब इसे आनलाइन कर दिया गया है। सेहत विभाग की ओर से एक प्रोग्राम चलाया गया है जिसके माध्यम से लोग ऑनलाइन ही डॉक्टर को बीमारी बताकर उनसे दवा लिखवा सकते हैं। अगर बीमारी गंभीर है तभी उन्हें अस्पताल आने की जरूरत है। भले यह सुविधा गरीब लोगों को अभी नहीं मिल पा रही है मगर इसके लिए भी सेहत विभाग प्रयास कर रहा है। इसके अलावा दवाईयों का स्टाक, रिकार्ड आदि ऑनलाइन किया जा रहा है।