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परेशान हैं लुधियाना के किसान, मंडियों से न धान उठ रहा और न मिल रहा धन

लुधियाना की मंडियों में धान के अंबार लगे हैं। इस अब तक सरकारी एजेंसियां निर्धारित लक्ष्य से 25 प्रतिशत कम खरीब कर पाई हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 03:46 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 03:46 PM (IST)
परेशान हैं लुधियाना के किसान, मंडियों से न धान उठ रहा और न मिल रहा धन
परेशान हैं लुधियाना के किसान, मंडियों से न धान उठ रहा और न मिल रहा धन

डीएल डॉन, लुधियाना। मंडियों में धान की खरीद सुस्त होने लगी है। जिला फूड सप्लाई विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार तक 1527916 मीट्रिक टन धान खरीद हुई है जो कि सरकार द्वारा निर्धारित खरीद लक्ष्य से 25 प्रतिशत कम है। खरीद एजेंसियों का तर्क है कि वर्ष 2017 में भी धान की खरीद 15 नवंबर तक चली थी। इस बार भी उम्मीद है कि नवंबर तक धान खरीद चलेगी।

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लिफ्टिंग में देरी

दाना मंडियों में धान खरीद सुस्त है लेकिन लिफ्टिंग नहीं होने से धान का अंबार लगा है। मंडियों में करीब 14000 मीट्रिक टन धान जमा है। लिफ्टिंग में देरी से किसान भी परेशान है। उन्हें अब भी मंडियों में रुकना पड़ रहा है। किसान परमजीत सिंह, शमशेर सिंह, धरमजीत सिंह ने बताया कि लिफ्टिंग सुस्त होने से धान की रखवाली के लिए मंडी में रूकना पड़ रहा है।

पेमेंट में देरी से बढ़ी मुश्किलें 

मंडियों में धान खरीद कम हो रही है जबकि किसानों को पूरी पेमेंट नहीं होने से वे परेशान हैं। जालंधर बाइपास दाना मंडी में किसान अमरजीत सिंह, रवनीत सिंह, बलकार सिंह ने बताया कि धान का पेमेंट लेट होने से गेहूं की खेती में देरी हो रही है।

गत वर्ष के मुकाबले उपज कम

वर्ष 2015 के मुकाबले इस वर्ष धान की उपज कम होने की संभावना है। मंडियों में धान की आवक कम हो जाने से जिला फूड सप्लाई इंस्पेक्टरों का कहना है कि खरीद संपन्न होने के बाद ही पता चल पाएगा कि धान की उपज कैसी रही। वहीं बासमती की उपज अधिक होने से किसान गदगद हैं। खरीद अंतिम चरण में : भास्कर

धान खरीद अंतिम चरण में पहुंच चुकी है और किसानों को पेमेंट लेट मिलने के बारे में जिला फूड सप्लाई अधिकारी राकेश भास्कर से बात करने पर उन्होंने कहा कि दो दिन के अंदर पेमेंट हो रहा है कभी कोई किसान का पेमेंट में देरी हो सकता है लेकिन सरकार सभी व्यवस्था पुख्ता करवा रखी है।


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