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हर बच्चे काे स्कूल पहुंचाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं ने बढ़ाए हाथ, शिक्षा विभाग का देंगी साथ

सरकारी स्कूलों में दाखिला मुहिम का आगाज हो चुका है। शिक्षा विभाग ने हर अध्यापक को स्कूल में अधिक से अधिक बच्चों का दाखिला करवाने के लिए निर्देश जारी किए हैं।

By Edited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 10:32 AM (IST)
हर बच्चे काे स्कूल पहुंचाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं ने बढ़ाए हाथ, शिक्षा विभाग का देंगी साथ

जगराओं, [बिंदु उप्पल]। सरकारी स्कूलों में दाखिला मुहिम का आगाज हो चुका है। शिक्षा विभाग ने हर अध्यापक को स्कूल में अधिक से अधिक बच्चों का दाखिला करवाने के लिए निर्देश जारी किए हैं। इसी के तहत अब सरकारी स्कूलों में दाखिला बढ़ाने के लिए समाजसेवी संस्थाओं ने भी अपने हाथ आगे बढ़ाए हैं। ये संस्थाएं नन्हें हाथों में कलम पकड़ाकर उनमें शिक्षा की लौ जगाएंगी। ये संस्थाएं शिक्षा विभाग को सहयोग देने के लिए तैयार हो गई हैं। यह कहना है शिक्षा विभाग के प्रवक्ता राजिंदर सिंह चानी का। शिक्षा विभाग का कहना है कि स्कूल सुंदर बन गए, आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हो गई। अब बस जरूरत है सरकारी स्कूलों में दाखिला मुहिम को तेज करने की। उनका लक्ष्य है कि हर बच्चा चाहे जो पढ़ता नहीं है, वे भी स्कूलों में जाकर पढ़े।

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इस मुहिम को बढ़ावा देने के लिए अब शिक्षा विभाग के साथ स्वयंसेवी संस्थाओं ने हाथ बढ़ाना शुरू कर दिया है। ये संस्थाएं स्कूलों के विकास में आर्थिक मदद करेंगी और आसपास झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को पढ़ने के लिए जागरूक कर स्कूल में दाखिला करवाएंगी। राजिंदर सिंह ने बताया कि अब स्वयंसेवी संस्थाएं शिक्षा विभाग व पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब प्रोजेक्ट के साथ मिलकर सरकारी स्कूलों में दाखिला बढ़ाने पर काम करेंगी। इस संबंध में एनजीओ 'नन्हे हाथों में कलम' के प्रतिनिधियों ने लुधियाना व जगराओं के सरकारी स्कूलों का भी दौरा किया। यह संस्था राजपुरा शहर से है लेकिन वो अब पूरे पंजाब के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में दाखिला बढ़ाने के लिए प्रयास करेंगी। दुकान वाले को बच्चों को पढ़ाते देखा तो बदला नजरिया जागरण से बातचीत में 'नन्हें हाथों में कलम' एनजीओ के प्रधान अभिषेक किंगर ने बताया कि मैं जूते का कारोबार करता हूं। एक बार मैं अंबाला में जूते खरीदने गया तो मैंने देखा कि दुकानवाले ने एक हाल बनाया हुआ था। वहा पर वह रोजाना झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को शाम को पढ़ाता था। उसका इस सुशिक्षित समाज के नजरिए ने मेरा भी समाज के हर बच्चे को शिक्षित करने का नजरिया बदल दिया। आज मैं, मेरी पत्नी सुमन व अन्य रजनी कंबोज इस संस्था से जुड़े हुए हैं।

हर बच्चा स्कूल जाए, यही है लक्ष्य: प्रधान

अभिषेक प्रधान अभिषेक ने बताया कि सरकारी स्कूलों में अब तो आधुनिक सुंदर शिक्षा सुविधाएं है और इन स्कूलों में फीस भी कोई नहीं लगती है। ऐसे में हमारा काम पहले उस स्कूल के बुनियादी ढाचे को बदलना है और फिर वहा पर पढ़ने वाले बच्चों की संख्या को बनाना है। उन्होंने बताया कि अभी हमारी संस्था की ओर से करीब 50 झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है। उनका रेगूलर फालोअप भी हो रहा है। इसमें नन्हें हाथों में कलम टीम के वालटियर अपना भी योगदान दे रहे हैं। अभिषेक किंगर ने बताया कि हमारी संस्था यह चाहती है कि हर बच्चा चाहे वो झुग्गी झोपड़ी में रहता तो वो स्कूल जाकर अच्छी शिक्षा जरूर लें।


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