सांसारिक रिश्तों में जकड़ा इंसान कोड़ियों के भाव खर्च कर रहा है जीवन के अनमोल पल: मुकेशानंद गिरी
प्रभु भक्ति के लिए मिले मनुष्य जीवन के अनमोल पल इंसान सांसारिक रिश्तों व मोह माया के जंजाल में फंस कर कोडिय़ों के भाव खर्च कर रहा है। जबकि सांसारिक रिश्ते अस्थाई व प्रभु से रिश्ता स्थाई है। अगर मानव जीवन बिना भक्ति के व्यर्थ बीत
जासं, लुधियाना : प्रभु भक्ति के लिए मिले मनुष्य जीवन के अनमोल पल इंसान सांसारिक रिश्तों व मोह माया के जंजाल में फंस कर कोडि़यों के भाव खर्च कर रहा है। जबकि सांसारिक रिश्ते अस्थाई व प्रभु से रिश्ता स्थाई है। अगर मानव जीवन बिना भक्ति के व्यर्थ बीत गया तो फिर कभी 84 लाख योनियों के आगमन व गमन से कभी मुक्ति नहीं मिलेगी।
उपरोक्त सदवचन महामंडलेश्वर मुकेशानंद गिरी ने रविवार को काकोवाल रोड स्थित श्री प्रेम धाम में आयोजित साप्ताहिक सत्संग सभा में उपस्थित श्रावकों को प्रभु मिलन की विधियां बताते हुए व्यक्त किए। दुनियावी धन एकत्रित करने व सांसारिक सुख सुविधाओं के नाम पर प्रभु से दूर होते मानव को सचेत करते हुए उन्होंने कहा कि प्रभु की कृपा मिल जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है। मनुष्य भगवान को छोड़कर दुनियावी धन व सुख सुविधाओं की ओर दौड़ता है। मृत्यु के उपरांत दुनियावी धन मातृ लोक में रह जाता है। परिणाम स्वरुप इंसान खाली हाथ परलोक लौट जाता है। परलोक में दुनियावी धन नहीं बल्कि हरिनाम रुपी एकत्रित पूंजी ही इंसान के साथ जाती है। इसलिए जरूरत से ज्यादा दुनियावी धन व संपत्ति एकत्रित करने की बजाए प्रभु नाम की संपत्ति का संग्रह करो। श्री हनुमान चालीसा के पाठ के बाद सामूहिक आरती के साथ हरि भगवान को भोग अर्पित कर सत्संग को विश्राम दिया गया। इस अवसर पर दीपक मनचंदा, सुदेश गोयल, रवि गोयल, पंडित सोहन लाल, प्रेम सिगला,सुमित गोयल,वरुण मिगलानी, यदु सिगला, मानित शर्मा, गौरव बंसल,ललित गोयल, रवि, विजय कुमारी, दीनदयाल कपूर, राजेश शर्मा, जेके धीर, इंदरपाल सिंह अरोड़ा, मनोज शर्मा, रूबी ठाकुर,राजीव शर्मा, महेश सिगला,अमित शर्मा, समीर अब्रोल, लखवीर सिंह,राजिदर सिंह, राजिदर पॉल शर्मा, बेअंत सिंह आदि भी उपस्थित थे।